फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर हाईकोर्ट की रोक, मेकर्स पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

12 जुलाई को रिलीज के लिए तैयार की गई फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। इस फैसले के खिलाफ फिल्म के प्रोड्यूसर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं, जहां एडवोकेट गौरव भाटिया ने जज से तत्काल सुनवाई की मांग की।

गौरव भाटिया ने कहा कि फिल्म के सभी थिएटर बुक हैं और एक दिन पहले रात 8 बजे रोक का आदेश जारी किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, 15 जुलाई की सुनवाई की गुजारिश को कोर्ट ने बुधवार या अन्य दिन सूचीबद्ध करने की बात कहकर टाल दिया।

⚖️ क्या है मामला?

‘उदयपुर फाइल्स’ टेलर कन्हैयालाल की हत्या पर आधारित है, जिनका सिर कथित तौर पर धार्मिक पोस्ट को लेकर 28 जून 2022 को काट दिया गया था। मामले के 11 आरोपी जेल में हैं और ट्रायल जारी है। फिल्म का ट्रेलर आते ही विवाद शुरू हो गया।

आरोपी मोहम्मद जावेद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी सहित तीन याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की और 11 जुलाई को रिलीज पर रोक लगा दी।

🧑‍⚖️ याचिका में क्या कहा गया?

  • याचिकाकर्ताओं ने कहा कि फिल्म के कुछ डायलॉग और दृश्य साम्प्रदायिक हिंसा भड़का सकते हैं

  • यह फिल्म अभी ट्रायल का सामना कर रहे आरोपियों के फेयर ट्रायल के अधिकारों का उल्लंघन करती है।

📽️ फिल्म को लेकर विवाद क्यों?

  • ट्रेलर में नूपुर शर्मा का विवादित बयान भी दिखाया गया है।

  • ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट द्वारा कराए गए सर्वे के दृश्यों को भी शामिल किया गया है।

  • वाराणसी के धार्मिक संगठनों ने भी फिल्म की रिलीज पर स्थानीय स्तर पर रोक लगाने की मांग की है।

🌍 क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा, “क्या फिल्म को रिलीज की अनुमति है?”
एडवोकेट भाटिया ने बताया कि फिल्म को सेंसर बोर्ड की मंजूरी मिल चुकी है, और यह मामला मौलिक अधिकारों से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि उदयपुर फाइल्स एक गंभीर घटना पर आधारित फिल्म है और इसे रोका जाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है।

🧾 बैकग्राउंड: क्या था कन्हैयालाल हत्याकांड?

  • 28 जून 2022 को गौस मोहम्मद और रियाज अत्तारी ने टेलर कन्हैयालाल की हत्या कर दी थी।

  • एनआईए ने इसे आतंकी घटना मानते हुए UAPA के तहत केस दर्ज किया।

  • 11 आरोपी जेल में हैं, और 2 आरोपी पाकिस्तान के कराची के निवासी बताए गए हैं, जो फरार हैं।

 

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