छत्तीसगढ़ में नए कोविड वैरिएंट JN.1 से पहली मौत, प्रशासन हाई अलर्ट पर

रायपुर/राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के नए वैरिएंट JN.1 से पहली मौत की पुष्टि हुई है। मृतक राजनांदगांव निवासी एक व्यक्ति था जो रूटीन डायलिसिस के लिए रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती हुआ था। वहां कोविड के लक्षण दिखने पर जांच कराई गई, जिसमें उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इलाज के दौरान मरीज की मृत्यु हो गई। डॉक्टरों के अनुसार, मरीज पहले से ही गंभीर मेडिकल समस्याओं से जूझ रहा था।

तेज़ी से बढ़ रहे संक्रमण के मामले

राज्य में अब तक कुल 118 कोविड मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से 42 मरीज पिछले पांच दिनों में ही सामने आए हैं। सोमवार को 10 नए केस रिपोर्ट हुए हैं—रायपुर और बिलासपुर से 3-3, दुर्ग से 2, सरगुजा और महासमुंद से 1-1 मरीज शामिल हैं।

सिर्फ 23 दिन में 100 के पार

राज्य में पहला केस 24 मई को मिला था। महज 23 दिनों में संक्रमितों की संख्या 100 के पार हो चुकी है। वर्तमान में 51 एक्टिव केस हैं, जबकि 66 मरीज रिकवर हो चुके हैं। इनमें 9 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर और 1 ICU में है। 41 मरीज होम आइसोलेशन में इलाज करवा रहे हैं।

आगामी 10 दिन में 50 और केस संभावित

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, वर्तमान ग्रोथ रेट 23.1% है, जबकि रिकवरी रेट 56.41% है। यदि यही रफ्तार बनी रही, तो अगले दस दिनों में कुल केस 167 तक पहुंच सकते हैं, जिनमें से अनुमानतः 96 मरीज ठीक हो चुके होंगे।

मेकाहारा में गंभीर केस नहीं, लेकिन रिस्क हाई

मेकाहारा अस्पताल के पल्मोनरी विभाग प्रमुख डॉ. आर.के. पांडा के मुताबिक, अब तक गंभीर केस सामने नहीं आए हैं। लेकिन डायबिटीज, लंग डिजीज या चेन स्मोकिंग वाले मरीजों में जोखिम ज्यादा है।

ऑक्सीजन प्लांट बंद, अस्पतालों पर बोझ

कोविड की संभावित तीसरी लहर के बीच सबसे बड़ी चिंता ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर है। रायपुर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों—DKS, आयुर्वेद कॉलेज और अंबेडकर अस्पताल में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़े हैं। DKS अस्पताल हर महीने 16 लाख रुपये सिर्फ सिलेंडरों पर खर्च कर रहा है।

DKS अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट हेमंत ने बताया कि अस्पताल में चल रहा CGMSC का प्लांट सिर्फ 60% डिमांड ही पूरी कर पा रहा है, शेष 40% जरूरत निजी एजेंसी के सिलेंडरों से पूरी करनी पड़ रही है।

प्रशासन अलर्ट मोड पर

पहली मौत के बाद राज्य सरकार ने सभी जिलों में स्वास्थ्य अमले को अलर्ट पर रखा है। सरकारी अस्पतालों में टेक्निकल व नॉन-टेक्निकल स्टाफ की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है। सैंपल कलेक्शन, स्क्रीनिंग और इमरजेंसी स्थिति के लिए मॉक ड्रिल कराई जा रही है।

देशभर में भी चिंता बढ़ी

देश के 9 राज्यों को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में JN.1 वैरिएंट फैल चुका है। अब तक देश में 13,604 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 108 लोगों की मौत हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वैरिएंट कम घातक है, लेकिन जोखिम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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