जमीन बेचने के बाद किसान को मिला धोखा, प्रताड़ना से तंग आकर की आत्महत्या; मुख्य आरोपी गिरफ्तार

भिलाई।
ग्राम ढौर में एक किसान की आत्महत्या मामले में जामुल पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। मृतक किसान जुगल किशोर बंजारे ने वर्ष 2024 में लगातार मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर फांसी लगा ली थी। अब इस मामले में पुलिस ने जमीन सौदे में धोखाधड़ी और उत्पीड़न के आरोप में प्रदीप यादव को गिरफ्तार किया है।

जमीन बेची, न मिला पैसा, न हुआ रजिस्ट्री
मामले की जांच में सामने आया है कि मृतक किसान जुगल किशोर ने अपनी पैतृक भूमि को वर्ष 2021 में तीन दलालों—प्रदीप यादव, इन्द्रजीत यादव और राहुल सिन्हा—को 35 लाख रुपये में बेचना तय किया था। कुछ एडवांस राशि लेने के बाद किसान ने अन्य किसी को जमीन न बेचने की शर्त पर इकरारनामा कर दिया, लेकिन आरोपियों ने रजिस्ट्री टालते रहे और शेष रकम भी नहीं दी।

लाचार होकर लिखी सोसाइडल नोट
इस व्यवहार से किसान मानसिक रूप से बेहद परेशान हो गया और अंततः वर्ष 2024 में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पूर्व मृतक ने तीनों आरोपियों के नाम का स्पष्ट उल्लेख करते हुए एक सोसाइडल नोट भी लिखा, जिसे पुलिस ने फोरेंसिक जांच में प्रमाणित किया।

अपराध दर्ज, मुख्य आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने मर्ग जांच के आधार पर मामला दर्ज करते हुए, भारतीय दंड संहिता की धारा 306 और 34 के तहत अपराध कायम किया। इसके बाद प्रदीप यादव (उम्र 33 वर्ष, निवासी राजीव नगर, सुपेला, दुर्ग) को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया और दिनांक 31 जुलाई 2025 को न्यायिक रिमांड में भेजा गया।

अन्य दो आरोपी भी जांच के दायरे में
प्रदीप यादव के अलावा उसके दो साथी—इन्द्रजीत यादव और राहुल सिन्हा—की भूमिका की भी जांच की जा रही है। पुलिस इन दोनों की तलाश में जुटी हुई है और पूरे प्रकरण की विस्तृत विवेचना जारी है।

दर्दनाक अंत और सीख
यह घटना उन किसानों की पीड़ा को उजागर करती है जो आर्थिक तंगी और बीमारी के चलते मजबूरी में ज़मीन बेचते हैं, लेकिन दलालों के धोखाधड़ी में फंसकर आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर हो जाते हैं। यह मामला न केवल एक कानूनी कार्रवाई का उदाहरण है, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी भी है—कि ऐसे सौदों में पारदर्शिता और भरोसे की ज़रूरत कितनी अहम है।

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