मुख्यमंत्री साय की नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में महिलाओं और बच्चों का सशक्तिकरण: क्रांतिकारी योजनाओं से बदलाव की नई दिशा

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने महिलाओं और बच्चों के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं, जो न सिर्फ विकास बल्कि सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण की दिशा में भी मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े की मेहनत से राज्य में कई योजनाओं ने एक नई दिशा ली है।

महिला सशक्तिकरण
महतारी वंदन योजना के तहत लाखों महिलाओं को आर्थिक सहायता प्राप्त हुई है, जिससे उनकी आत्मनिर्भरता बढ़ी है। अब तक 70 लाख महिलाओं के खातों में 6530.41 करोड़ रुपये की राशि पहुँच चुकी है। यह योजना एक आंदोलन बन चुकी है, जिसमें महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि घर-परिवार में भी निर्णय लेने में बराबरी का अधिकार महसूस कर रही हैं।

बालकों के विकास में नए कदम
राज्य में 201 पालना केंद्रों और 4750 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों को पोषण, शिक्षा और समुचित देखभाल मिल रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों में BaLA (Building as Learning Aid) के माध्यम से बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ कौशल भी सिखाया जा रहा है। इसके अलावा, पोषण ट्रैकर ऐप के जरिए बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है, जिससे कुपोषण में ऐतिहासिक गिरावट आई है।

कुपोषण पर प्रहार और सुरक्षा की गारंटी
चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) और महिला हेल्पलाइन (181) के 24/7 संचालन से महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही, राज्य में वन स्टॉप सेंटर्स का विस्तार कर एक सुरक्षित नेटवर्क तैयार किया गया है।

बाल विवाह मुक्ति और कन्या विवाह योजना
डबल इंजन सरकार ने 27 नवंबर 2024 से बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की शुरुआत की है, जो समाज की मानसिकता बदलने के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत, अब तक 6543 कन्या विवाह सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की नीतियों ने छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है, और महिलाएं और बच्चे अब हर क्षेत्र में सशक्त होकर आगे बढ़ रहे हैं।