कर्मचारियों ने अलग डीए बजट की मांग तेज की: सीकेएएफ ने राज्य सरकार से बिहार मॉडल अपनाने का आग्रह, समय पर भुगतान की सुनिश्चितता पर फोकस

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन (CKAF) ने राज्य सरकार के सामने महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को लेकर एक स्ट्रक्चर्ड पॉलिसी इंटरवेंशन की मांग को औपचारिक रूप से टेबल किया है। फेडरेशन ने सुझाव दिया है कि इन दोनों मदों के लिए अलग और समर्पित बजटीय प्रावधान क्रिएट किया जाए, ठीक उसी तरह जैसे बिहार सरकार मॉडल-ड्रिवन व्यवस्था लागू करती है।

फेडरेशन का तर्क है कि मौजूदा संरचना में डीए/डीआर भुगतान अक्सर फाइनेंशियल एलोकेशन और रिकन्सिलिएशन साइकल के कारण डिफर हो जाता है, जिससे राज्य के कर्मचारियों और पेंशनर्स की कैश फ्लो स्थिरता प्रभावित होती है। एक अलग बजट हेड की स्थापना से—

  • टाइमली डिस्बर्समेंट,

  • फाइनेंसियल प्लानिंग की पारदर्शिता,

  • तथा एडमिनिस्ट्रेटिव प्रोसेसिंग में दक्षता
    सुनिश्चित की जा सकेगी।

फेडरेशन ने संकेत दिया है कि यह कदम न केवल कर्मचारी संतुष्टि सूचकांक को ऑप्टिमाइज़ करेगा, बल्कि फाइनेंस डिपार्टमेंट के वर्कफ़्लो को भी स्ट्रक्चरली स्ट्रीमलाइन करेगा।

सरकार की ओर से अभी तक इस प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन मुद्दा तेजी से पॉलिसी-सर्किल में traction पकड़ रहा है।

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