रेलवे स्टेशनों पर ऑटोमेशन से बिजली की बचत: यात्री संख्या अनुसार जलेंगी लाइट्स
अब रेलवे स्टेशनों पर बेवजह बिजली की खपत नहीं होगी, क्योंकि नई तकनीक के तहत एलईडी लाइट्स को ऑटोमेशन से जोड़ा गया है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सभी 139 स्टेशनों और कार्यालयों में यह सिस्टम लागू किया गया है, जिसमें 30-70 प्रतिशत लाइटिंग को यात्री संख्या के आधार पर नियंत्रित किया जाता है। प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की कम संख्या होने पर 30 प्रतिशत लाइट्स चालू होंगी, और अधिक यात्रियों के होने पर 70 प्रतिशत लाइट्स जलेंगी।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में भारतीय रेलवे का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है, जिसकी विद्युत उत्पादन क्षमता 50 मेगावाट है। यह संयंत्र प्रतिमाह 72 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन करता है। इस संयंत्र से उत्पन्न 33 किलोवोल्ट्स तक की विद्युत को 4.8 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन के जरिए पूलिंग सब-स्टेशन तक भेजा जाता है। फिर 33 किलोवोल्ट्स विद्युत को 220 किलोवोल्ट्स में परिवर्तित कर पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के कुम्हारी (रायपुर) स्थित सब-स्टेशन तक भेजा जाता है।
यह ऑटोमेशन सिस्टम रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक रेलवे की बिजली बचत करेगा, और 7 स्टेशनों पर यह ट्रेन के आगमन और प्रस्थान के अनुसार सिग्नल सिस्टम से जुड़ा हुआ है, जिससे लाइट्स स्वचालित रूप से चालू और बंद होंगी।
