Electric Vehicles: छत्तीसगढ़ की सड़कों पर 2 लाख से ज्यादा ईवी, सर्विसिंग सेंटर और पार्ट-पुर्जे नदारद…

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रायपुर: प्रदेश की सड़कों पर 2 लाख से ज्यादा दोपहिया, तीन पहिया, कार से लेकर मालवाहन इलेक्टि्रकल वाहन (ईवी) पिछले 3 साल से दौड़ रहे है। महंगे पेट्रोल-डीजल की कीमतों को देखते हुए खरीदी करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लेकिन मेंटनेंस और सर्विसिंग को लेकर समस्या बनी हुई है। लेकिन, इन वाहनों के खराब होने पर उन्हें कोई बनाने वाला मैकेनिक तक नहीं है।

वाहन में किसी भी तरह का खराबी आने और क्षतिग्रस्त होने पर शोरूम तक घसीटते हुए लाना मजबूरी बन गई है। वाहन चालक भी इसके चलते परेशान हो रहे है। किसी तरह वाहन लेकर आने पर पाट्र्स की कमी और वाहनों की संख्या को देखते हुए कई दिनों तक शोरूम का चक्कर लगाना पड़ता है। इसके चलते चाहकर भी कई लोग ईवी की खरीदी करने से परहेज करते है। खरीदी के बाद भी अधिकांश लोग शहर के सीमित दायरे में अपनी वाहन का उपयोग करते है। रास्ते में वाहन के खराब होने का डर बना रहता है। इसके कारण 70 से लेकर 300 किमी की क्षमता होने के बाद भी शहर के बाहर लंबी दूरी की यात्रा करने से बचते है।

चार्जिग की समस्या

राज्य सरकार द्वारा अगस्त 2022 में 5 साल के लिए ईवी पॉलिसी लागू की गई है। इसके तहत वाहन की कीमत का न्यूतम 10 फीसदी और अधिकतम 1.50 लाख दिया जाना है। साथ ही वाहन को चार्ज करने के लिए सार्वजनिक स्थानों में चार्जिग पाइंट शुरू किया जाना था। लेकिन, 2 साल बाद भी शहर के ऑउटर के स्थानों में चार्जिंग स्टेशन नहीं खुले है। प्रदेशभर में शहरी इलाकों में करीब 250 स्टेशन बनाए गए है। इसमें सबसे ज्यादा रायपुर जिले में 30 स्थानों में चार्जिग करने की व्यवस्था है।

लेना पड़ता है रिस्क

प्रदेश की सड़कों पर पिछले 5 साल से ईवी दौड़ रही है। कंपनी द्वारा मोटर, बैटरी और चार्जर पर 3 साल की वांरटी और गांरटी मिलती है। लेकिन, अन्य किसी भी तरह की ख्रराबी आने पर डीलर तक दौड़ लगानी पड़ती है। वाहन की धुलाई के लिए निजी सर्विसिंग सेंटर जाने पर वह किसी भी तरह की खराबी आने पर किसी भी तरह की जिम्मेदारी नहीं लेते है। उनका कहना है कि प्रेशर पंप से वाहन धोते समय बैटरी या फिर किट में शार्टसर्किट हो सकता है। यहां तक की टायर खराब होने, ब्रेक शू लगाने, लाइट या फिर बड़ा पंचर होने पर टायर तक नहीं खोलते।

राडा अध्यक्ष विवेक गर्ग ने बताया कि ईवी को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों द्वारा अधिकृत डीलरों के माध्यम से सामानों उपलब्ध कराए जा रहे है। इसकी की चेन बनाने के लिए धीरे-धीरे विस्तार किया जा रहा है। शहर के साथ ही ग्रामीण अंचलों के मैकेनिकों को प्रशिक्षण की व्यवस्था भी कराई जा रही है। ताकि ईवी में किसी भी तरह की परेशानी होने पर शोरूम और सर्विस सेंटर तक दौड़ नहीं लगानी पड़े।

अतिरिक्त परिवहन आयुक्त डी रविशंकर ने कहा कि ईवी खरीदने वालों की परेशानी को देखते हुए समस्या का निराकरण करने पहल की जाएगी। इसके लिए ऑटोमोबाइल डीलरों के साथ जल्दी ही बैठक का आयोजन किया जाएगा। साथ ही मैकेनिकों को प्रशिक्षण दिलाने और सामानों की उपलब्धता पर चर्चा की जाएगी।

 

 

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