छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए माल परिवहन के लिए अनिवार्य ई-वे बिल की सीमा 50,000 रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दी है। इसका मतलब है कि अब 1 लाख रुपए तक का सामान बिना ई-वे बिल के भी एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है। हालांकि, कुछ विशेष वस्तुएं जैसे पान मसाला, तंबाकू उत्पाद, प्लाईवुड, लेमिनेटेड शीट, पार्टिकल बोर्ड, फाइबर बोर्ड, आयरन, स्टील और कोयला पर यह छूट लागू नहीं होगी।
इसके अलावा, छत्तीसगढ़ सरकार ने पेट्रोल पर वैट में भी 1 रुपए प्रति लीटर की कमी कर दी है, जिसका सीधा असर पेट्रोल की कीमतों पर पड़ेगा। राज्य में अधिकतर लोग दुपहिया वाहन इस्तेमाल करते हैं, जो पेट्रोल पर निर्भर होते हैं। वैट में कमी से इन परिवारों के रोजमर्रा के खर्च में राहत मिलेगी।
यह दोनों निर्णय 1 अप्रैल से पूरे प्रदेश में लागू हो गए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वित्त मंत्री ओपी चौधरी के दिशा-निर्देशों के तहत ये निर्णय 2025-26 के बजट में शामिल किए गए थे।
छोटे व्यापारियों को मिलेगा सीधा लाभ
ई-वे बिल की सीमा बढ़ाने से छोटे व्यापारियों को सीधा लाभ होगा। इस निर्णय के बाद राज्य में लगभग 26% व्यापारियों को अब ई-वे बिल जनरेट करने से मुक्ति मिल जाएगी, और ई-वे बिल जनरेशन में 54% की कमी आएगी। यह कदम छोटे व्यापारियों के लिए खासा फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इससे उनका काम आसान होगा और प्रशासनिक दवाब कम होगा