क्या आप यह जानते हैं कि इंसान की मौत के बाद उसके फिंगरप्रिंट् से फोन को अनलॉक किया जा सकता है?

नई दिल्ली : जिस तरह हर किसी का डीएनए अलग होता है, उसी तरह सबके फिंगरप्रिंट भी अलग-अलग होते हैं. ये फिंगरप्रिंट्स व्यक्ति की पहचान के लिए काफी मददगार होते हैं. आधार और पासपोर्ट सहित कई जरूरी दस्तावेजों के लिए फिंगरप्रिंट्स की लगते हैं. हमारी पहचान और सिक्योरिटी के लिहाज से फिंगरप्रिंट काफी जरूरी चीज हैं. लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि इंसान की मौत के बाद उसके फिंगरप्रिंट्स बदल जाते हैं?
दरअसल, मौत के बाद शरीर में मौजूद इलेक्ट्रिकल कंडक्टेन्स भी खत्म हो जाती है और हमारी कोशिकाएं भी काम करना बंद कर देती हैं. इंसान की मृत्यु के बाद उसके फिंगरप्रिंट्स पहले जैसे विश्वसनीय नहीं रह पाते. मौत के बाद शरीर जकड़ जाता है. ऐसे में हमारी उंगलियां भी बाकी अंगों की तरह जकड़ जाती हैं. मौत के बाद फिंगरप्रिंट्स लेने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है. मौत के बाद इंसान के फिंगरप्रिंट में बदलाव हो जाते हैं. इसका पता सिर्फ फॉरेंसिक एक्सपर्ट या लैब में ही लगाया जा सकता है.
केवल एक्सपर्ट्स ले सकते हैं सटीक फिंगरप्रिंट्स
जीवित और मृत व्यक्ति के फिंगरप्रिंट्स पहचानने में फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स को ज्यादा मुश्किल नहीं होती है. ये लोग आसानी से इनकी पहचान कर लेते हैं. फॉरेंसिक लैब्स में किसी मरे हुए इंसान के फिंगरप्रिंट लेने के लिए सिलिकॉन पुट्टी का इस्तेमाल किया जाता है. सिलिकॉन पुट्टी पर फिंगरप्रिंट्स साफ तौर पर आ जाते हैं, जिसकी तस्वीर लेकर इनके बारे में पता लगाया जा सकता है.
मौत के बाद फोन को नहीं किया जा सकता अनलॉक
मौत के बाद किसी व्यक्ति के फिंगरप्रिंट्स से उसका मोबाइल अनलॉक नहीं किया जा सकता है. दरअसल, मोबाइल फोन के सेंसर इंसान की उंगलियों में दौड़ने वाली इलेक्ट्रिक कंडक्टेन्स के आधार पर काम करते हैं. चूंकि, मौत के शरीर में मौजूद इलेक्ट्रिक कंडक्टेन्स खत्म हो जाती है. इसलिए मोबाइल फोन के सेंसर बिना इलेक्ट्रिक कंडक्टेन्स वाली उंगलियों की पहचान नहीं कर पाते हैं.

 

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