दुर्ग : सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के बावजूद सोमवार को डीजे संचालक मोहम्मद अशरफ सरीफ, भोईपारा आपापुरा दुर्ग निवासी द्वरा रामनगर में वाहन पर डीजे बजाया जा रहा था। जिसे पुलिस ने जाकर बंद कराया।
इसके बाद डीजे वाहन सहित सामान जब्त किया गया। डीजे संचालक वसीम खान, निवासी संतोषी नगर रायपुर ने जामा मस्जिद दुर्ग के पास वाहन में डीजे बजा रहा था। जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। डीजे संचालको के खिलाफ जुर्म दर्ज कर कार्रवाई की गई।
मालवाहक गाड़ियों में डीजे के बॉक्स अनुमति नहीं
कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार चारपहिया या मालवाहक गाड़ियों में डीजे के बॉक्स को नहीं लटकाया जा सकता है। यहां तक कि उसे बाहर निकालकर बांध नहीं सकते हैं। ऐसा करना गैरकानूनी है। (DJ Ban in CG) इस पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। मालवाहक को मोडिफाइड कर उसके पिछले हिस्से में बड़े-बड़े बॉक्स लगाए जा रहे हैं। इस पर भी शासन ने कलेक्टर-एसपी को कार्रवाई का निर्देश दिया है। इन्हें जब्त कर कार्रवाई की जाएगी।
झांकी में भी नहीं बजेंगे डीजे
निर्देशों के अनुरूप 55 डेसीबल से अधिक ध्वनि नहीं होनी चाहिए। इससे अधिक होने पर उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय की अवमानना का प्रकरण बनने पर कार्रवाई की जाएगी। झांकी निकालने वाले सभी गणेशोत्सव समिति के पदाधिकारी शपथ पत्र देंगे कि न्यायालय के निर्देशों का पालन करेंगे। डीजे नहीं लगाने वाली झांकी भी अनुमति प्राप्त करेंगे। उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार वाहन पर साउंड बॉक्स नहीं बजे। वाहन में बॉक्स मिलने पर जब्त किया जाएगा।
ध्वनि प्रदूषण होता है
एसपी मोहित गर्ग ने कहा कि राजनांदगांव शहर हमारा है। यहां हॉकी और झांकी की परंपरा आजादी के पहले से चली आ रही है। देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाल गंगाधर तिलक ने जनसामान्य को आजादी के लिए प्रेरित करने गणेश की झांकी प्रारंभ की थी। लेकिन पिछले कुछ समय से डीजे, लाऊड स्पीकर, साऊण्ड सिस्टम से ध्वनि प्रदूषण की समस्या बढ़ी है। डीजे, एपलीफायर एवं बुफर से आम जनता को तकलीफ होती है। 55 डेसीबल से अधिक ध्वनि होने पर उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए गाड़ी की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। एएसपी राहुल देव शर्मा ने भी जानकारी दी।