मेडिकल कॉलेजों में करोड़ों की रिश्वत का खुलासा: SRIMSR समेत कई संस्थानों पर CBI का शिकंजा, 6 आरोपी आज कोर्ट में पेश

नवा रायपुर स्थित रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (SRIMSR) को मान्यता दिलाने के लिए रिश्वतखोरी के मामले में आज CBI की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई होगी। इस केस में पकड़े गए सभी 6 आरोपी रायपुर कोर्ट में पेश होंगे।

CBI की जांच में पता चला है कि देश के कई राज्यों – मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक – में निजी मेडिकल कॉलेजों को अवैध मान्यता दिलाने के लिए बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ। इसमें NMC के अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्रालय के कर्मचारी और कॉलेज प्रतिनिधि शामिल हैं।

💰 55 लाख की रिश्वत और हवाला ट्रांजैक्शन

FIR के अनुसार, SRIMSR को मान्यता दिलाने के लिए 55 लाख रुपये की रिश्वत हवाला चैनलों के ज़रिए दी गई। CBI ने NMC की इंस्पेक्शन टीम को घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा।

⚠️ पूरा रैकेट: फर्जी मान्यता, लीक डॉक्यूमेंट्स

CBI को पुख्ता इनपुट मिले थे कि:

  • स्वास्थ्य मंत्रालय और NMC के कुछ अधिकारी निजी मेडिकल कॉलेजों से मिलकर फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट बनवा रहे हैं।

  • मंत्रालय के कुछ अफसरों ने कॉन्फिडेंशियल दस्तावेज लीक किए, ताकि कॉलेज निरीक्षण से पहले ही ‘सेटअप’ कर लें।

  • डॉ. जीतू लाल मीणा को रिश्वत में मिला पैसा राजस्थान में 75 लाख का मंदिर निर्माण में लगाया गया।

  • विशाखापट्टनम के गायत्री मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दिलाने के एवज में 2.5 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई

🧾 FIR में शामिल अन्य संस्थान

  • गीतांजलि यूनिवर्सिटी (उदयपुर)

  • स्वामीनारायण इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (गुजरात)

  • नेशनल कैपिटल रीजन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (मेरठ)

इन कॉलेजों ने फर्जी दस्तावेजों और सेटअप निरीक्षण से अनुचित मान्यता प्राप्त की

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