डिजिटल फ्रॉड पर केंद्र सरकार सख्त, साइबर ठगी रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी
देश में बढ़ते डिजिटल फ्रॉड और साइबर ठगी के मामलों को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। सरकार ने साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं और बैंकों व टेलीकॉम कंपनियों को कड़ी निगरानी रखने के आदेश दिए हैं।
नए निर्देशों के तहत संदिग्ध लेनदेन पर तुरंत कार्रवाई करना अनिवार्य किया गया है। बैंक अब रियल-टाइम मॉनिटरिंग के जरिए संदिग्ध खातों को चिन्हित करेंगे और जरूरत पड़ने पर उन्हें अस्थायी रूप से फ्रीज भी किया जा सकेगा। इसके साथ ही, ग्राहकों को समय रहते अलर्ट भेजना भी अनिवार्य किया गया है।
टेलीकॉम कंपनियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे फर्जी कॉल, ओटीपी फ्रॉड और फिशिंग मैसेज पर सख्त नजर रखें। संदिग्ध सिम कार्ड और मोबाइल नंबरों की पहचान कर उन्हें तुरंत ब्लॉक करने की व्यवस्था मजबूत की जाएगी। इसके अलावा, केवाईसी प्रक्रिया को और अधिक सख्त बनाने पर भी जोर दिया गया है।
केंद्र सरकार का कहना है कि डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाना उसकी प्राथमिकता है। आम नागरिकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है और किसी भी अनजान कॉल, लिंक या मैसेज पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करने की अपील की गई है। साइबर ठगी की स्थिति में तुरंत संबंधित बैंक और साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराने को कहा गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन सख्त दिशा-निर्देशों से डिजिटल फ्रॉड के मामलों में कमी आएगी और लोगों का डिजिटल लेनदेन पर भरोसा और मजबूत होगा।
