धनेश्वरी ने मजदूरी के बीच लाया 96.4%, इशिका ने कैंसर से जूझते हुए किया टॉप — जानिए छत्तीसगढ़ बोर्ड टॉपर्स की संघर्षभरी सफलता की कहानियां
छत्तीसगढ़ में 10वीं और 12वीं के नतीजे आ चुके हैं। मेरिट लिस्ट में शामिल टॉपर्स की सफलता के पीछे संघर्ष, जुनून और प्रेरणा की कहानियां हैं।
धनेश्वरी यादव की कहानी: मजदूर की बेटी बनी टॉपर
12वीं में 96.4% अंक लाने वाली धनेश्वरी यादव के पिता फगवा यादव हमाली का काम करते हैं। मां बीमार हैं, घर की स्थिति ठीक नहीं, फिर भी धनेश्वरी ने पढ़ाई नहीं छोड़ी। उसकी तीन बहनें पढ़ नहीं सकीं, लेकिन धनेश्वरी ने दीवार पर लिखा “95% लाना है”, और 482 नंबर लेकर साबित कर दिया कि हौसले के आगे हालात नहीं टिकते।

इशिका बाला: कैंसर की कीमोथेरेपी के बीच रचा इतिहास
कांकेर की इशिका बाला को ब्लड कैंसर है। इलाज के दौरान 15 लाख रुपये खर्च हुए, मगर पढ़ाई नहीं छोड़ी। कीमोथेरेपी के दर्द में भी उसने 99.16% स्कोर किया और पूरे प्रदेश में टॉप किया। अब राज्य सरकार ने इलाज के लिए मदद का भरोसा दिया है।

केतन साहू: 2-3 घंटे की फोकस्ड स्टडी से 98% स्कोर
रायपुर के केतन साहू ने दसवीं में स्टेट में आठवीं रैंक पाई। सिर्फ 2-3 घंटे पढ़ाई कर, पुराने प्रश्न हल कर और डाउट क्लियर कर उसने सफलता पाई। सपना है कि वह सिविल सर्विस में जाए।

कृष्णा पंजवानी: कृष्ण भजन सुनते हुए पढ़ाई, 96% मार्क्स
देवेंद्र नगर के छात्र कृष्णा ने 12वीं में 96% लाकर नौवां स्थान हासिल किया। पढ़ाई के दौरान भगवान कृष्ण के भजन सुनते थे ताकि मन शांत रहे और पढ़ाई में फोकस बना रहे।

साई संजना: कजिन को गुरु बनाकर लाईं 98.33%
रायपुर की साई संजना को 10वीं में 98.33% मार्क्स मिले। उसने अपनी कजिन बहन बी पल्लवी को गुरु माना और यूट्यूब से भी पढ़ाई की। अब वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की तैयारी कर रही हैं।

पल्लवी वर्मा: बिना जाने बन गईं टॉपर
12वीं में 96.6% लाकर छठवीं रैंक हासिल करने वाली पल्लवी को तब पता चला कि उन्होंने टॉप किया है जब उन्हें कोचिंग क्लास में फोन आने लगे। उन्होंने सोशल मीडिया का सीमित उपयोग कर टाइम टेबल से पढ़ाई की और चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का सपना देख रही हैं।

