पंजाब और हरियाणा सरकारों से विस्तृत एक्शन रिपोर्ट तलब, दिल्ली–NCR की बिगड़ती हवा पर तत्काल हस्तक्षेप का निर्देश
दिल्ली–NCR में लगातार गिरती वायु गुणवत्ता पर गंभीर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकारों को पराली जलाने पर नियंत्रण से जुड़ी अपनी पूरी कार्ययोजना और अब तक उठाए गए कदमों की डिटेल्ड स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने साफ कहा है कि पराली जलाने की बढ़ती घटनाएँ क्षेत्रीय वायु संकट को exponentially aggravate कर रही हैं और राज्यों को फील्ड-लेवल इम्प्लीमेंटेशन पर तुरंत फोकस बढ़ाना होगा।
कोर्ट ने निर्देशित किया है कि:
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जिलावार निगरानी, एनफोर्समेंट मैकेनिज़्म और फायर-इंसीडेंट डेटा को granular format में रिपोर्ट किया जाए।
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किसानों के लिए उपलब्ध वैकल्पिक समाधानों—जैसे हैप्पी सीडर, बायो-डीकंपोज़र और मशीनरी सब्सिडी—की वास्तविक ग्राउंड उपयोगिता और कवरेज को स्पष्ट किया जाए।
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पराली जलाने में वृद्धि के लिए जिम्मेदार प्रशासनिक गैप्स और उन्हें दूर करने के लिए उठाए गए कदमों की सूची कोर्ट के सामने रखी जाए।
अदालत ने यह भी रेखांकित किया कि वायु गुणवत्ता का मौजूदा स्तर न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य बल्कि लॉजिस्टिक, शिक्षा और शहरी संचालन के पूरे इकोसिस्टम पर multi-dimensional disruption risk पैदा कर रहा है।
विशेषज्ञ इस निर्देश को क्षेत्रीय प्रदूषण प्रबंधन ढांचे में high-level compliance push के रूप में देख रहे हैं, जो आने वाले हफ़्तों में राज्यों की रणनीति पर सीधा प्रभाव डालेगा।
