भारत में फिर बढ़ने लगे कोरोना के केस, एक्टिव मरीज 1326

देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में तेजी देखी जा रही है। फिलहाल एक्टिव केसों की संख्या 1326 पहुंच गई है और अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है। सबसे ज्यादा 6 मौतें महाराष्ट्र में दर्ज की गई हैं।

IIT कानपुर और BHU के एक्सपर्ट्स की राय

IIT कानपुर के डायरेक्टर प्रो. मणींद्र अग्रवाल के अनुसार, 2022 के बाद से नए वैरिएंट्स के कारण मरीजों की संख्या कई बार बढ़ी है, लेकिन स्थिति गंभीर नहीं हुई। वे मानते हैं कि इस बार भी ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है।

BHU के प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि यदि चौथी लहर आती है तो इसका असर 21 से 28 दिनों तक रह सकता है, लेकिन यह दूसरी लहर जितनी घातक नहीं होगी।

नई वैरिएंट्स पर वैक्सीन का असर सीमित

प्रो. चौबे का कहना है कि भले ही लोग वैक्सीनेटेड हों, फिर भी सावधानी जरूरी है क्योंकि नए वैरिएंट्स पर वैक्सीन का असर पूरी तरह नहीं होता। हालांकि, वैक्सीनेशन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह खत्म नहीं हुई है और यह संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकती है।

देशभर से कोरोना से जुड़ी बड़ी घटनाएं

  • जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर के डेंटल कॉलेज में पढ़ने वाले केरल के दो छात्र कोविड पॉजिटिव पाए गए।

  • महाराष्ट्र (ठाणे): 67 साल के बुजुर्ग की मौत, जिन्हें हाई बीपी और डायबिटीज थी और उन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई थी।

  • चंडीगढ़: यूपी निवासी 40 वर्षीय व्यक्ति की मौत। उन्हें लुधियाना से सांस की तकलीफ के कारण रेफर किया गया था।

  • जयपुर: रेलवे स्टेशन और एक निजी अस्पताल में दो लोगों की मौत, एक युवक को टीबी थी।

  • केरल और कर्नाटक: केरल में दो और बेंगलुरु में एक बुजुर्ग की कोविड से मौत की पुष्टि।

भारत में सामने आए कोविड के चार नए वैरिएंट

ICMR के अनुसार देश में कोविड के चार नए वैरिएंट सामने आए हैं — LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1। ये दक्षिण और पश्चिम भारत में मिले हैं। इनमें से NB.1.8.1 वैरिएंट तेज़ी से फैलता है और मौजूदा इम्यूनिटी उस पर असरदार नहीं है।

WHO ने इन्हें गंभीर नहीं बताया है, लेकिन इन्हें निगरानी में रखा गया है। ये वैरिएंट चीन समेत कई एशियाई देशों में भी देखे गए हैं।

JN.1: सबसे आम और तेजी से फैलने वाला वैरिएंट

भारत में सबसे ज्यादा केस JN.1 वैरिएंट के हैं। यह ओमिक्रॉन के BA2.86 स्ट्रेन का रूप है, जो अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। WHO ने इसे दिसंबर 2023 में “वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” घोषित किया था। इसमें 30 से ज्यादा म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी को कमजोर कर सकते हैं।

अमेरिका की जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, यह अन्य वैरिएंट्स के मुकाबले अधिक तेजी से फैलता है, लेकिन जानलेवा नहीं है।

लॉन्ग कोविड से भी सतर्क रहें

JN.1 वैरिएंट के लक्षण कई दिनों से लेकर हफ्तों तक बने रह सकते हैं। कुछ मामलों में यह “लॉन्ग कोविड” का कारण बन सकता है, जिसमें लक्षण ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक बने रहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *