छत्तीसगढ़ कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को रायपुर स्थित राजीव भवन में संपन्न हुई। इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने की। बैठक में प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, केसी वेणुगोपाल समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
बैठक के दौरान पांच प्रमुख मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई। इसके तुरंत बाद कांग्रेस की विस्तारित प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक भी शुरू हो गई।
बैठक के प्रमुख एजेंडे इस प्रकार रहे:
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राजनीतिक प्रतिशोध और एजेंसियों का दुरुपयोग:
राज्य और केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाए जाने की घटनाओं पर नाराज़गी जताई गई। इसे राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया गया।
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खनिज संसाधनों का निजीकरण और आदिवासी हितों पर संकट:
बस्तर, हसदेव अरण्य और तमनार जैसे क्षेत्रों में जल, जंगल और जमीन के शोषण के आरोप लगाए गए। खनिज क्षेत्रों को उद्योगपतियों को सौंपे जाने का विरोध हुआ।
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किसानों को खाद की किल्लत:
खाद की कमी के कारण किसानों में पनप रहे असंतोष पर चिंता जताई गई। राज्य सरकार की नीतियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया।
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10,000 से अधिक स्कूलों को बंद करने का विरोध:
प्रदेश में बिना ठोस कारण के बड़ी संख्या में स्कूलों को बंद करना शिक्षा के खिलाफ कदम बताया गया।
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संगठनात्मक पुनर्गठन की आवश्यकता:
जनसंख्या और भौगोलिक विस्तार को देखते हुए कुछ जिलों और ब्लॉकों के पुनर्गठन और नए संगठनात्मक इकाइयों के निर्माण पर जोर दिया गया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान रायपुर पहुंचे, जहां उन्होंने पहले ‘किसान, जवान और संविधान’ जनसभा को संबोधित किया। इसके बाद वे राजीव भवन पहुंचे, जहाँ दो महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की गईं—पॉलिटिकल अफेयर कमेटी और विस्तारित प्रदेश कार्यकारिणी बैठक। इन बैठकों में राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों और पार्टी संगठन को मजबूत करने की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा हुई |