छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का चक्काजाम: चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के विरोध में 33 जिलों में सड़क पर उतरे नेता

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस ने पूरे राज्य में आर्थिक नाकेबंदी और चक्काजाम किया है। राजधानी रायपुर की वीआईपी रोड पर खुद भूपेश बघेल सहित कई बड़े नेता सड़क पर धरने पर बैठे हैं। बीजेपी सरकार, अडाणी और ईडी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की जा रही है।
राज्य के सरगुजा, बस्तर, दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर संभाग की सड़कों पर कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरगुजा में ‘रघुपति राघव राजा राम’ गीत के साथ सांकेतिक विरोध हुआ, जबकि बिलासपुर में सकरी-पेंड्रीडीह फ्लाईओवर के नीचे चक्काजाम किया गया, जिससे आम जनता को आवाजाही में कठिनाई हुई।
वरिष्ठ नेताओं का बयान: “बदला लेना है तो हमसे लीजिए”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा ने कहा, “अगर बदला लेना है तो हमसे लीजिए, बच्चों को क्यों परेशान किया जा रहा है?” उन्होंने इसे राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताया।
हालांकि, छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इस आर्थिक नाकेबंदी का समर्थन नहीं किया है।
कोरबा से जगदलपुर तक सड़कों पर कांग्रेस का प्रदर्शन
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कोरबा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कटघोरा-अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग 130 को जेंजरा बाईपास चौक पर जाम कर दिया।
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मनेंद्रगढ़ में भारी बारिश के बीच भी कार्यकर्ताओं ने एनएच 43 को जाम कर दिया।
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रायगढ़ में कोटरा रोड ओवरब्रिज पर कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर बैठ गए और मालवाहक वाहनों को रोका गया।
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खरोरा में रायपुर-बलौदाबाजार मार्ग स्थित आज़ाद चौक पर ‘अडाणी की गाय विष्णुदेव साय’ और ‘मोदी-अडाणी भाई-भाई’ जैसे नारे लगाए गए।
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जगदलपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को बंद कर दिया।
क्या है मामला?
18 जुलाई को ईडी ने भिलाई से चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया। ईडी का आरोप है कि छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले की रकम में से ₹16.70 करोड़ रुपए चैतन्य को ट्रांसफर हुए। यह रकम कथित तौर पर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश कर कालेधन को सफेद करने के लिए उपयोग की गई।
ईडी की रिमांड अर्जी में दावा किया गया है कि इस रकम को कई फर्जी कंपनियों और सिंडिकेट के ज़रिए घुमाया गया और तकरीबन ₹1000 करोड़ की हेराफेरी की गई। कोर्ट ने चैतन्य बघेल को 22 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और अडाणी का मुद्दा भी केंद्र में
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत और विकास उपाध्याय जैसे कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि वनों की कटाई, जल-जंगल-जमीन के दोहन, और अडाणी ग्रुप को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कांग्रेस का ऐलान – “ये सिर्फ शुरुआत है”
कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर चैतन्य बघेल को जल्द नहीं छोड़ा गया और राजनीतिक द्वेष की कार्रवाई बंद नहीं हुई, तो आंदोलन राज्यव्यापी जन आंदोलन में बदल जाएगा।