छत्तीसगढ़: बालोद में स्टेशन मास्टर ने मालगाड़ी के सामने कूदकर की आत्महत्या, कर्ज और मानसिक तनाव की आशंका

संशोधित स्क्रिप्ट (बिना ‘दैनिक भास्कर’ का ज़िक्र):
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में गुदुम रेलवे स्टेशन पर एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां स्टेशन मास्टर ने ड्यूटी के दौरान मालगाड़ी को सिग्नल देने के बाद पटरी पर लेटकर आत्महत्या कर ली। घटना बुधवार रात 11:45 बजे की है और यह सब कुछ उनके सहकर्मी की आंखों के सामने हुआ।

मृतक स्टेशन मास्टर की पहचान शंकर लाल ठाकुर (42) के रूप में हुई है, जो मूलतः ग्राम मोंगरी (लाटाबोड़) के निवासी थे। वे नाइट शिफ्ट में ड्यूटी कर रहे थे और अपने सहकर्मी भुवनेश्वर के साथ ट्रेनों को सिग्नल दे रहे थे। अंतागढ़ से दुर्ग की ओर जा रही मालगाड़ी जैसे ही स्टेशन पर पहुंची, उन्होंने पहले ट्रेन को सिग्नल दिया और फिर सहकर्मी को कुछ दूर हटने को कहा। अचानक वे पटरियों पर जाकर लेट गए। जब तक ट्रेन रोकी गई, उनका सिर धड़ से अलग हो चुका था।

एक हफ्ते से गुमसुम थे, सहकर्मियों से भी दूरी

सहकर्मियों के अनुसार, शंकर लाल पिछले कुछ दिनों से बहुत शांत और परेशान थे। वे ज्यादा बात नहीं करते थे और कुछ न कुछ तनाव में दिखते थे। करीब एक साल पहले उनका तबादला गुदुम स्टेशन पर हुआ था। उनके व्यवहार में आए इस बदलाव ने साथियों को भी चिंतित कर दिया था, पर किसी को इस तरह के कदम की आशंका नहीं थी।

बेटे ने बताई कर्ज की बात

मृतक के छोटे बेटे भगवान सिंह ने बताया कि एक साल पहले उनके पिता ने कर्ज लिया था, जिसकी किश्तें उनकी सैलरी से कट रही थीं। हालांकि, आत्महत्या जैसा कदम उठाने के पीछे यही वजह थी या कुछ और, यह परिवार के लिए भी अभी तक एक रहस्य बना हुआ है।

जांच के बाद ही साफ होगी वजह: पुलिस

दल्लीराजहरा सीएसपी डॉ. चित्रा वर्मा ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा कार्रवाई कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। फिलहाल परिजनों और सहकर्मियों के बयान दर्ज नहीं किए गए हैं।

उन्होंने कहा,
“स्टेशन मास्टर ने आत्महत्या क्यों की, यह स्पष्ट नहीं है। मानसिक तनाव या कर्ज की बात सामने आई है, लेकिन अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। फिलहाल मामले में प्रारंभिक जांच जारी है।”

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