छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: अनवर ढेबर को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, EOW केस में अब भी रहेंगे जेल में

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में लंबे समय से जेल में बंद कारोबारी अनवर ढेबर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अभय ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की बेंच ने सुनवाई में देरी और जांच में सहयोग की शर्त पर अनवर ढेबर को जमानत दे दी है।

हालांकि अनवर ढेबर अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे, क्योंकि उन्हें ईडी (ED) केस में जमानत मिली है, जबकि आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) में उनके खिलाफ मामला अभी लंबित है।

वकील बोले- मिला न्याय, अब EOW केस में भी जमानत की उम्मीद

अनवर ढेबर के वकील अमीन खान ने बताया कि ईडी की ओर से चल रहे आबकारी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ढेबर की जमानत याचिका मंजूर कर ली है। उन्होंने कहा कि इस केस में पहले से कई लोगों को जमानत मिल चुकी है और अब हमें भी न्याय मिला है। उन्होंने उम्मीद जताई कि EOW के केस में भी जल्द ही राहत मिलेगी।

क्या है शराब घोटाला मामला?

शराब घोटाले में ईडी की जांच के मुताबिक, 2019 से 2022 तक छत्तीसगढ़ में सरकारी शराब दुकानों के जरिए बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया। घोटाले में तत्कालीन अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी ए.पी. त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर शामिल बताए गए हैं। ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, घोटाले में 2,100 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध कमाई की गई।

ईडी के आरोप

  • ईडी ने आरोप लगाया है कि शराब दुकानों से नकली होलोग्राम लगाकर शराब बेची गई।

  • FL-10 लाइसेंस नीति में हेराफेरी कर कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया।

  • पूर्व मंत्री कवासी लखमा को भी इस घोटाले का हिस्सा बताया गया है। ईडी के अनुसार, लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे, जो उनके बेटे के घर और कांग्रेस भवन के निर्माण में खर्च हुए।

ED की जांच के तीन मुख्य हिस्से

  1. पार्ट-A कमीशन: डिस्टिलरियों से रिश्वत लेकर शराब की खरीद-बिक्री में हेराफेरी।

  2. पार्ट-B कच्ची शराब बिक्री: बेहिसाब अवैध देशी शराब की बिक्री, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान।

  3. पार्ट-C कमीशन: विदेशी शराब (IMFL) के लाइसेंस देने के बदले कमीशन की वसूली।

FL-10 लाइसेंस क्या है?

FL-10 (Foreign Liquor-10) लाइसेंस राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया था, जिससे कंपनियां देश के अन्य राज्यों से विदेशी शराब खरीदकर विभाग को बेच सकती थीं। इसमें FL-10A और FL-10B नाम की दो कैटेगरी थी।

निष्कर्ष

अनवर ढेबर को सुप्रीम कोर्ट से राहत जरूर मिली है, लेकिन EOW के केस में फंसे होने की वजह से उनकी रिहाई अभी टली हुई है। पूरे मामले में अब अगली सुनवाई और जांच की दिशा पर सभी की नजरें टिकी हैं।