रायपुर, 17 अक्टूबर 2025
राज्य सरकार ने आम जनता को राहत देते हुए जमीनों की रजिस्ट्री प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब से जमीन की रजिस्ट्री में ऋण पुस्तिका (Loan Passbook) प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं रहेगा। यह जानकारी राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री ओ.पी. चौधरी ने दी।
मंत्री चौधरी ने बताया कि लंबे समय से जमीन की रजिस्ट्री के दौरान किसानों और आम नागरिकों को ऋण पुस्तिका प्रस्तुत करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। कई बार ऋण पुस्तिका अपडेट न होने या बैंक प्रक्रियाओं में विलंब के कारण रजिस्ट्री अटक जाती थी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस अनिवार्यता को समाप्त करने का निर्णय लिया है, ताकि जमीन की खरीदी-बिक्री प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बन सके।
मंत्री चौधरी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस निर्णय से राजस्व रिकॉर्ड और भूमि स्वामित्व की जांच प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा। रजिस्ट्री के समय आवश्यक सत्यापन ऑनलाइन रिकॉर्ड और भू-अभिलेख प्रणाली से किया जाएगा।
राजस्व मंत्री ने कहा —
“हमारी सरकार जनता की परेशानी समझती है। रजिस्ट्री प्रक्रिया को आसान बनाना हमारा लक्ष्य है, ताकि किसी भी किसान या नागरिक को अनावश्यक कागजी झंझटों से गुजरना न पड़े।”
राज्य सरकार का यह कदम भूमि संबंधी कार्यों में ई-गवर्नेंस और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा। अब किसान और नागरिक बिना ऋण पुस्तिका के भी अपनी जमीन की रजिस्ट्री आसानी से करा सकेंगे।
यह फैसला ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में भूमि लेनदेन को लेकर तेजी और सरलता लाने की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।