छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य सेवा के अधिकारी निर्भय कुमार साहू को सस्पेंड कर दिया है। निर्भय कुमार साहू इस वक्त जगदलपुर नगर निगम के आयुक्त के रूप में कार्यरत थे। उन पर यह कार्रवाई भारत माला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी करने के कारण की गई है।
निर्भय कुमार साहू इससे पहले रायपुर में SDM रह चुके थे, जहां उन्होंने रायपुर-विशाखापट्टनम में प्रस्तावित भारत माला सड़क कॉरिडोर के निर्माण में गलत तरीके से मुआवजा बांट दिया था। विभागीय जांच में यह सामने आया कि कुछ जमीन मालिकों को फायदा पहुंचाने के लिए उन्होंने अवैध मुआवजा बांटा, जिससे राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ। जांच में यह भी पाया गया कि साहू ने अपने कर्तव्यों में अनियमितता और लापरवाही बरती, जिसके परिणामस्वरूप यह कार्रवाई की गई।
मामले में जिला स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया था, और समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंप दी थी। रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों ने यह कार्रवाई सही पाई। कुछ महीने पहले ही साहू को जगदलपुर नगर निगम का आयुक्त नियुक्त किया गया था। छत्तीसगढ़ के अवर सचिव क्लेमेन्टीना लकड़ा ने निलंबन की कार्रवाई की है।
इस मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व कृषि मंत्री चंद्र शेखर साहू और भाजपा किसान मोर्चा के नेता गौरीशंकर श्रीवास ने शिकायत की थी। श्रीवास ने कहा कि यह मामला साढ़े तीन साल पुराना है, जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी।
18 गुना ज्यादा मुआवजा बांटने की गड़बड़ी
भारत माला सड़क परियोजना के तहत तब की स्थानीय सरकार, अफसर और भू-माफियाओं ने बड़ी गड़बड़ी की थी। अभनपुर इलाके में किसानों की जमीन सड़क बनाने के लिए अधिग्रहित की गई थी। मुआवजा बांटने के दौरान जमीन के रिकॉर्ड को बदलकर केंद्र सरकार से 18 गुना ज्यादा मुआवजा हासिल किया गया। इनमें से कुछ रकम किसानों को दी गई, जबकि बाकी की बड़ी राशि अफसर और भू-माफियाओं ने हड़प ली।
600 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप
भाजपा नेताओं के अनुसार, अभनपुर इलाके में लगभग 600 करोड़ रुपये की राशि में गड़बड़ी हुई थी। पूर्व कृषि मंत्री चंद्र शेखर साहू ने बताया कि एक किसान बाल मुकुंद साहू को नियमों के तहत 1 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलना था, लेकिन रिकॉर्ड में जमीन का साइज बदलकर उन्हें 18 करोड़ रुपये मुआवजा दिलवाया गया।