मंत्रियों और अफसरों को अब नहीं मिलेगा गार्ड ऑफ ऑनर, छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला

रायपुर।

छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक परंपराओं में अहम बदलाव करते हुए मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को दिए जाने वाले गार्ड ऑफ ऑनर (सलामी) को समाप्त करने का फैसला लिया है। सरकार के इस निर्णय के तहत अब मंत्रियों और अफसरों को नियमित कार्यक्रमों में सलामी नहीं दी जाएगी।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, गार्ड ऑफ ऑनर केवल राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रमों तक सीमित रहेगा। स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) जैसे अवसरों पर ही सलामी की परंपरा कायम रहेगी। इसके अलावा अन्य सरकारी, प्रशासनिक या औपचारिक आयोजनों में यह व्यवस्था लागू नहीं होगी।

इस फैसले को प्रशासन में सादगी, अनुशासन और संसाधनों के बेहतर उपयोग की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है। सरकार का मानना है कि इससे अनावश्यक औपचारिकताओं में कमी आएगी और सुरक्षा बलों का उपयोग अधिक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में किया जा सकेगा।

प्रशासनिक हलकों में इस निर्णय को व्यापक सुधार के रूप में देखा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला सरकारी कामकाज को अधिक जनोन्मुखी और व्यावहारिक बनाने में मदद करेगा।

राज्य सरकार के इस कदम के बाद सभी विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आने वाले दिनों में यह व्यवस्था पूरे राज्य में प्रभावी रूप से लागू की जाएगी।