छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले के आरोपी IAS रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया को मिली जमानत

छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू, समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, रजनीकांत तिवारी, वीरेन्द्र जायसवाल और संदीप नायक को आज सुबह जेल से रिहा कर दिया गया। सौम्या चौरसिया को दिसंबर 2022 में और रानू साहू को जुलाई 2023 में गिरफ्तार किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता शामिल थे, ने सभी आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने गवाहों को प्रभावित करने की आशंका के चलते आरोपियों को छत्तीसगढ़ में रहने पर पाबंदी लगाई है। सभी को राज्य से बाहर रहना होगा और रिहाई के एक सप्ताह के भीतर अपने नए पते की जानकारी संबंधित थाने में देनी होगी। साथ ही सभी को अपना पासपोर्ट भी जमा करना होगा।

छत्तीसगढ़ से बाहर रहेंगे आरोपी, जांच में देना होगा सहयोग

कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सूर्यकांत तिवारी, रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया को अगले आदेश तक छत्तीसगढ़ से बाहर रहना होगा। उन्हें जरूरत पड़ने पर जांच एजेंसियों या ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित होना पड़ेगा और जांच में पूरा सहयोग देना होगा।

570 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला

प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दावा है कि छत्तीसगढ़ में कोयले के परिचालन में बड़े पैमाने पर अवैध वसूली की गई। इस मामले में 36 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ईडी के अनुसार, ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन कर कोल व्यापारियों से 570 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली की गई।

खनिज विभाग के आदेश से खुला मामला

ईडी की छापेमारी में यह घोटाला सामने आया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर विश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत ऑनलाइन मिलने वाले कोल परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया। इसके बाद कोल व्यापारियों से अवैध रूप से पैसे वसूले जाने लगे।

सिंडिकेट बनाकर की जाती थी वसूली, मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी

ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, इस अवैध वसूली के पीछे कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी मास्टरमाइंड था। वह व्यापारियों से 25 रुपए प्रति टन की दर से रकम वसूलता था। जो व्यापारी यह भुगतान करता था, उसे ही खनिज विभाग से पीट पास और ट्रांसपोर्ट पास मिलता था।

36 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर

इस घोटाले में दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 36 लोगों के खिलाफ एसीबी और ईओडब्ल्यू ने नामजद एफआईआर दर्ज की है। इन पर अब तेजी से जांच की जा रही है।

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