झारखंड शराब घोटाले में CBI की एंट्री तय, छत्तीसगढ़ कनेक्शन भी उजागर

450 करोड़ के झारखंड शराब घोटाले की जांच अब CBI करेगी। राज्य सरकार ने यह सिफारिश कर केस की फाइल दिल्ली स्थित CBI मुख्यालय भेज दी है। इस मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी जांच के दायरे में हैं। EOW को अब तक राज्य सरकार से सहयोग नहीं मिला, इसलिए CBI की जांच जल्द शुरू होने की संभावना है।

छत्तीसगढ़ ACB-EOW द्वारा दर्ज FIR के अनुसार, झारखंड में भी छत्तीसगढ़ की तरह शराब घोटाले को अंजाम दिया गया। इस घोटाले में झारखंड के IAS विनय कुमार चौबे, पूर्व संयुक्त आबकारी आयुक्त गजेंद्र सिंह, और पूर्व वित्त मंत्री के बेटे रोहित उरांव शामिल हैं।

FIR में बताया गया कि छत्तीसगढ़ के अधिकारी अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी, अनवर ढेबर और उनका सिंडिकेट झारखंड के अधिकारियों के साथ मिलकर आबकारी नीति में बदलाव किए। इसके तहत टेंडर प्रक्रिया को प्रभावित किया गया और नियमों में बदलाव कर अपने लोगों को ठेके दिलाए गए।

झारखंड में भी छत्तीसगढ़ की ही तरह डुप्लीकेट होलोग्राम के जरिए देशी शराब की अवैध बिक्री हुई और विदेशी शराब की सप्लाई करीबी एजेंसियों को दी गई।

1 मई 2022 से ये अवैध कारोबार पूरे झारखंड में शुरू हो गया था। इस दौरान रायपुर में झारखंड के अधिकारियों और छत्तीसगढ़ के सिंडिकेट की बैठक भी हुई थी, जिसमें पूरी योजना बनाई गई।

नई नीति लागू होने के बाद झारखंड के राजस्व में भारी गिरावट आई। अब CBI जांच के जरिए पूरे नेटवर्क और दोनों राज्यों में हुए भ्रष्टाचार की परतें खुलने की उम्मीद है।