जिला अस्पताल में गार्ड द्वारा मरीज को इंजेक्शन का मामला : हाईकोर्ट सख्त
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स की जगह महिला गार्ड द्वारा मरीज को इंजेक्शन लगाने की घटना पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है।
गुरुवार को हुई सुनवाई में शासन की ओर से अदालत को बताया गया कि –
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कलेक्टर ने अस्पताल से निजी सुरक्षा एजेंसी का अनुबंध समाप्त कर दिया है।
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अब अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था नगर सेना (होमगार्ड) के हवाले कर दी गई है।
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बिना डॉक्टर की अनुमति इंजेक्शन लगाने वाली गार्ड सरिता सिंह राजपूत की सेवा समाप्त कर दी गई है।
साथ ही, स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदारी तय कर संबंधित अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
हाईकोर्ट की टिप्पणी
डिवीजन बेंच ने कहा कि,
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मामले की सुनवाई जारी रहेगी।
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कोर्ट फिलहाल इस प्रकरण की मॉनिटरिंग करता रहेगा।
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अगली सुनवाई सितंबर में होगी।
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तब तक शासन और कलेक्टर को अब तक की कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
मामला क्या है?
19 अगस्त को जिला अस्पताल में इलाज के दौरान एक चौंकाने वाली घटना सामने आई।
पूर्व पार्षद योगेश बघेल अपने भतीजे को दिखाने अस्पताल पहुंचे थे। उसी दौरान उन्होंने देखा कि –
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स्टाफ नर्स की जगह महिला गार्ड मरीज को इंजेक्शन लगा रही थी।
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उन्होंने इसका फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा और इसे जनहित याचिका (PIL) के रूप में स्वीकार किया गया।
