ब्लैकस्टोन का बड़ा निवेश: फेडरल बैंक में ₹62 अरब का दांव, 9.99% हिस्सेदारी खरीदेगा अमेरिकी निवेशक समूह

मुंबई।

अमेरिका की जानी-मानी प्राइवेट इक्विटी कंपनी ब्लैकस्टोन (Blackstone Group) ने भारतीय बैंकिंग सेक्टर में बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने घोषणा की है कि वह फेडरल बैंक (Federal Bank) में लगभग ₹62 अरब (लगभग US$705 मिलियन) का निवेश करेगी। इसके तहत ब्लैकस्टोन बैंक में 9.99% हिस्सेदारी वारंट्स के माध्यम से खरीदेगा।

यह निवेश ब्लैकस्टोन का भारतीय बैंकिंग सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा सौदा माना जा रहा है। कंपनी का लक्ष्य है कि फेडरल बैंक को आने वाले वर्षों में भारत के टॉप-5 प्राइवेट बैंकों की सूची में शामिल करने में मदद की जाए।

📈 निवेश का उद्देश्य और रणनीति

फेडरल बैंक ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार विकास दिखाया है — डिजिटल बैंकिंग, SME लोन, और रिटेल सेगमेंट में मजबूत उपस्थिति के साथ।
ब्लैकस्टोन का यह निवेश बैंक की पूंजी स्थिति मजबूत करने, विस्तार योजनाओं को गति देने और डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

ब्लैकस्टोन एशिया के प्रमुख ने कहा —
“भारत हमारे लिए एक दीर्घकालिक बाजार है। फेडरल बैंक की प्रबंधन टीम और उनके विकास मॉडल पर हमें पूरा भरोसा है। हमारा लक्ष्य है इसे देश के शीर्ष निजी बैंकों में शामिल करना।”

⚠️ नियामक और प्रतिस्पर्धी चुनौतियाँ

हालांकि यह सौदा प्रभावशाली है, लेकिन इसमें कुछ नियामक बाधाएं भी सामने आ सकती हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की अनुमति के बिना किसी विदेशी निवेशक द्वारा 10% से अधिक हिस्सेदारी रखना संभव नहीं है। ब्लैकस्टोन की हिस्सेदारी 9.99% पर सीमित रखी गई है ताकि नियामक मंज़ूरी सुगमता से मिल सके।

इसके अलावा, भारतीय बैंकिंग सेक्टर में पहले से ही HDFC Bank, ICICI Bank, Axis Bank और Kotak Mahindra Bank जैसे दिग्गज मौजूद हैं, जिससे फेडरल बैंक के लिए प्रतिस्पर्धा कड़ी होगी।

💬 फेडरल बैंक की प्रतिक्रिया

बैंक ने बयान में कहा है कि यह निवेश उनके लिए “एक नए विकास चरण की शुरुआत” है।

“ब्लैकस्टोन के सहयोग से हम अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, लेंडिंग नेटवर्क और ग्राहक सेवाओं को और बेहतर बनाएंगे,” बैंक ने कहा।

📊 मुख्य बिंदु संक्षेप में:

  • निवेशक: ब्लैकस्टोन ग्रुप (अमेरिका)

  • निवेश राशि: ₹62 अरब (≈ US$705 मिलियन)

  • हिस्सेदारी: 9.99% (वारंट्स के माध्यम से)

  • लक्ष्य: फेडरल बैंक को भारत के शीर्ष-5 निजी बैंकों में शामिल करना

  • चुनौती: RBI की सीमा और बाजार प्रतिस्पर्धा

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