छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में बर्ड फ्लू का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है। शुक्रवार रात को सरकारी पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद कलेक्टर समेत प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और हालात को नियंत्रण में लेने के लिए तत्काल कदम उठाए।
यह मामला उस समय सामने आया जब शासकीय कुक्कुट पालन क्षेत्र से पक्षी के शव का नमूना भोपाल भेजा गया था, जिसकी जांच के बाद राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान ने बर्ड फ्लू के संक्रमण की पुष्टि की। इसके बाद कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने रात 11 बजे आपातकालीन बैठक बुलाई, जिसमें एसपी, सीईओ, नगर निगम आयुक्त और पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में पोल्ट्री फार्म की सभी मुर्गियों, चूजों, अंडों और कुक्कुट आहार को नष्ट करने का निर्णय लिया गया।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुर्गियों, चूजों और अंडों को मारकर जमीन में दफनाया गया। इसके लिए जेसीबी से गड्ढा खोदकर उसमें नमक और चुने की लेयर बिछाकर पक्षियों को दफनाया गया। इसके बाद पूरी प्रक्रिया को संक्रमण से मुक्त करने के लिए डिसइन्फेक्शन किया गया।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए 10 किलोमीटर के दायरे को इन्फेक्टेड जोन घोषित कर दिया गया है, जहां कुक्कुट, अंडे और आहार की आवाजाही पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा सर्विलांस जोन में पोल्ट्री और अंडे की दुकानों को बंद रखा जाएगा।
सरकारी पोल्ट्री फार्म के प्रभारी डॉ. डीआर प्रधान ने बताया कि मुर्गियों की मौत ज्यादा हो रही थी, जिस कारण सैंपल दो दिन पहले भेजा गया था और बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। अब स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं।