छत्तीसगढ़ में पहली बार बिहार दिवस का आयोजन, राजनीतिक विवादों के बीच कार्यक्रम जारी

छत्तीसगढ़ में आज पहली बार बिहार दिवस का आयोजन किया जा रहा है। सत्ता और बीजेपी संगठन से जुड़े लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, बिहार सरकार के मंत्री और छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी नितिन नबीन भिलाई और रायपुर में आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

प्रवासी बिहारी समाज के सफल व्यक्तियों को मिलेगा सम्मान

कार्यक्रम में प्रवासी बिहारी समाज के सफल व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा। भाजपा की ओर से इस तरह के आयोजन पूरे देश में किए जा रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में इसे लेकर राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया है।

कांग्रेस ने उठाए सवाल, बीजेपी पर निशाना

इस आयोजन को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा केवल अपने बिहार प्रभारी नितिन नबीन की चापलूसी के लिए यह आयोजन कर रही है। बैज ने सवाल किया, “क्या बीजेपी 1 नवंबर को बिहार में छत्तीसगढ़ दिवस मनाएगी?” और कहा कि भाजपा छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान कर रही है।

बैज ने सत्ता पक्ष से सवाल किया है कि जो मुख्यमंत्री आदिवासी दिवस नहीं मना पा रहे, क्या उनमें हिम्मत है कि वे महाराष्ट्र और बिहार में छत्तीसगढ़ दिवस मनाएं? उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक तीजा-पोरा जैसे त्योहारों को मनाना बंद कर दिया है।

पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने भी की आलोचना

पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने इस आयोजन पर सवाल उठाते हुए इसे भाजपा का प्रचार अभियान करार दिया। उन्होंने कहा कि बिहार दिवस मनाने का कोई औचित्य नहीं है, यह केवल भाजपा का प्रचार अभियान है। पटेल ने सुझाव दिया कि यदि बिहार दिवस मनाना है, तो इसे बिहार में ही मनाना चाहिए।

भा.ज.पा. का दावा – यह केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम है

भाजपा का कहना है कि यह आयोजन “एक भारत श्रेष्ठ भारत” के तहत किया जा रहा है। बीजेपी प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रवासी बिहारी समुदाय का काफी योगदान रहा है, और उनके सम्मान में यह आयोजन किया गया है। पार्टी का दावा है कि यह केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम है, जिसका कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है।

क्यों मनाया जाता है बिहार दिवस?

बिहार राज्य की स्थापना 22 मार्च 1912 को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग होकर हुई थी। इसी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में हर साल 22 मार्च को बिहार दिवस मनाया जाता है। भारतीय जनता पार्टी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में प्रवासी बिहारी समाज के लोग रहते हैं और उनके योगदान को सम्मान देने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है।

राजनीतिक बवाल के बीच कार्यक्रम जारी

बिहार दिवस को लेकर राजनीतिक विवादों के बावजूद, सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कार्यक्रम पूरी तरह सांस्कृतिक और सामाजिक सम्मान से जुड़ा हुआ है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस आयोज

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