जीएसटी रिटर्न जांच में बड़ा खुलासा: निजी अस्पतालों की दवा दुकानों में कालाबाजारी — कंपनियों से आधे रेट में खरीदकर MRP में बेच रहे

रायपुर, छत्तीसगढ़ 
छत्तीसगढ़ में जीएसटी विभाग की हालिया जांच के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा घोटाला सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ है कि राज्य के कई निजी अस्पतालों की दवा दुकानों (Pharmacy Counters) पर दवाओं की कालाबाजारी और टैक्स चोरी का खेल चल रहा था। इन अस्पतालों ने फार्मा कंपनियों से दवाएं आधे रेट पर खरीदकर मरीजों को पूरी MRP पर बेच दीं और इसका सही ब्योरा जीएसटी रिटर्न में नहीं दिखाया।

राज्य जीएसटी (State GST) विभाग ने रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और राजनांदगांव के 20 से अधिक निजी अस्पतालों के रिटर्न और बिलिंग पैटर्न की जांच की। जांच में पाया गया कि कई अस्पतालों ने दवाएं कंपनियों से थोक दर पर 40–50% कम दाम में खरीदीं, मरीजों को MRP पर बेचने के बावजूद जीएसटी इनवॉइस जारी नहीं किए, और इनकम टैक्स व जीएसटी से बचने के लिए फर्जी बिलिंग और इनवर्ड रजिस्टर में हेराफेरी की। विभाग ने इन अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी करते हुए जवाब तलब किया है।

सूत्रों के अनुसार, कई अस्पतालों ने अपनी फार्मेसी दुकानों को अलग फर्म नाम से रजिस्टर्ड कराया था। इससे अस्पताल की असली आय का बड़ा हिस्सा ऑफ-द-बुक्स चला जाता था। दवाओं को कंपनियों से थोक रेट (Wholesale Price) पर लेकर मरीजों को अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) पर बेचा जा रहा था, जिससे मरीजों पर आर्थिक बोझ बढ़ा और टैक्स की भारी चोरी हुई।

राज्य जीएसटी कमिश्नर ने कहा है कि इस तरह की गड़बड़ी पर अब सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा — “जो अस्पताल या दवा दुकानें टैक्स चोरी और कालाबाजारी में लिप्त पाई जाएंगी, उनके लाइसेंस रद्द करने और आर्थिक दंड लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।” विभाग ने यह भी बताया कि अगले चरण में अस्पतालों की लैब और पैथोलॉजी सेवाओं की जांच भी की जाएगी।

इन गड़बड़ियों का सीधा असर आम मरीजों की जेब पर पड़ा है। जिन दवाओं को बाजार में ₹100 में खरीदा जा सकता था, वही अस्पतालों में ₹180 से ₹200 तक में बेची जा रही थीं। आर्थिक विशेषज्ञों ने कहा कि यह मामला केवल टैक्स चोरी नहीं, बल्कि नैतिकता और उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन भी है।

वित्त और स्वास्थ्य विभाग अब मिलकर एक “अस्पताल मूल्य निगरानी प्रणाली” (Hospital Price Monitoring System) शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे अस्पतालों की दवा बिक्री ऑनलाइन ट्रैक की जा सकेगी और मरीजों को दवाओं के सही मूल्य और बिल की जानकारी रियल टाइम में मिल सकेगी।