गरियाबंद में बड़ी मुठभेड़: 1 करोड़ के इनामी मोडेम बालकृष्ण समेत 10 नक्सली ढेर

गरियाबंद (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मैनपुर थाना क्षेत्र के मटाल पहाड़ी इलाके में गुरुवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। इसमें ओडिशा स्टेट कमेटी का सचिव और सेंट्रल कमेटी सदस्य मोडेम बालकृष्ण उर्फ मनोज उर्फ बालन्ना अपने 9 साथियों के साथ मारा गया। बालकृष्ण पर 1 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था।

गरियाबंद के एसपी निखिल राखेचा ने नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि की है। रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा ने बताया कि एसटीएफ, कोबरा और राज्य पुलिस की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर थी, तभी नक्सलियों से सामना हो गया और दोनों ओर से कई घंटों तक फायरिंग हुई। जंगल में नक्सलियों के शव पड़े हुए हैं लेकिन आईईडी के खतरे के कारण रात में सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया है।

सरेंडर नक्सली से मिली पुख्ता जानकारी

करीब 15 दिन पहले बालकृष्ण का गार्ड कैलाश नाम का नक्सली सरेंडर हुआ था। इसी से सुरक्षा एजेंसियों को उसकी लोकेशन और बीमारी के बारे में अहम सुराग मिले। इसके बाद ही संयुक्त अभियान की योजना बनाई गई।

बीमारियों से जूझ रहा था बालकृष्ण

करीब 25 साल से सुरक्षा एजेंसियों से बचता फिर रहा बालकृष्ण लंबे समय से शुगर की बीमारी से पीड़ित था। उसके सिर के बाल झड़ चुके थे और चलने के लिए उसे दो लाठियों का सहारा लेना पड़ता था।

चलपति के बाद मिली थी बड़ी जिम्मेदारी

जनवरी 2025 में चलपति समेत 16 नक्सलियों के मारे जाने के बाद धमतरी, गरियाबंद और नुआपड़ा डिवीजन कमेटी का विस्तार करने की जिम्मेदारी बालकृष्ण को दी गई थी। पुलिस को पहले से इस बात की जानकारी थी और मौके की तलाश की जा रही थी।

जनवरी में भी बड़ी सफलता

इसी साल 14 जनवरी को गरियाबंद जिले में करीब 80 घंटे तक चले अभियान में 16 नक्सली मारे गए थे। उनमें से 12 पर 3 करोड़ 16 लाख का इनाम था। इस मुठभेड़ में सेंट्रल कमेटी सदस्य चलपति और डिवीजन कमेटी प्रमुख सत्यम गावड़े ढेर हुए थे।