वैश्विक संकेतों के बीच डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर; शेयर बाजार में सीमित उतार–चढ़ाव

नई दिल्ली।

वैश्विक आर्थिक संकेतों के असर से भारतीय मुद्रा रुपया एक बार फिर दबाव में नजर आया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती और विदेशी पूंजी के सतर्क रुख के चलते रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ। वहीं, घरेलू शेयर बाजार में सीमित दायरे में उतार–चढ़ाव देखा गया और निवेशक फिलहाल सतर्क रुख अपनाते दिखे।

विदेशी मुद्रा बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान रुपये पर दबाव बना रहा। जानकारों के अनुसार, अमेरिका में ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता, कच्चे तेल की कीमतों में उतार–चढ़ाव और वैश्विक भू-राजनीतिक स्थितियों का सीधा असर उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं पर पड़ रहा है, जिसमें भारतीय रुपया भी शामिल है।

शेयर बाजार की स्थिति

शेयर बाजार में भी दिनभर सीमित कारोबार देखने को मिला। प्रमुख सूचकांक हल्के उतार–चढ़ाव के साथ बंद हुए। बैंकिंग, आईटी और फार्मा जैसे क्षेत्रों में मिलाजुला रुख रहा, जबकि चुनिंदा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में हल्की खरीदारी देखी गई। निवेशक वैश्विक संकेतों और आगामी आर्थिक आंकड़ों पर नजर बनाए हुए हैं।

विदेशी निवेशकों की भूमिका

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की गतिविधियां फिलहाल सतर्क बनी हुई हैं। डॉलर में मजबूती और वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के कारण विदेशी निवेशक उभरते बाजारों में निवेश को लेकर सावधानी बरत रहे हैं, जिसका असर रुपये और शेयर बाजार दोनों पर दिख रहा है।

आगे की संभावनाएं

विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में रुपये की चाल काफी हद तक वैश्विक आर्थिक घटनाक्रम, कच्चे तेल की कीमतों और केंद्रीय बैंकों के संकेतों पर निर्भर करेगी। वहीं, शेयर बाजार में भी निवेशक घरेलू आर्थिक आंकड़ों और नीतिगत घोषणाओं के आधार पर रणनीति तय कर सकते हैं।