25 दिन की देरी के बाद बस्तर से निकला मानसून, रायपुर पार कर सरगुजा पहुंचा – 8 जिलों में ऑरेंज अलर्ट

छत्तीसगढ़ में बीते 25 दिनों से अटका मानसून आखिरकार सक्रिय हो गया है। आज बस्तर से होते हुए मानसून रायपुर पार कर सरगुजा तक पहुंच चुका है। मौसम विभाग ने उत्तरी छत्तीसगढ़ में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

राज्य के 8 जिलों — गौरेला-पेंड्रा-मारवाही, कोरबा, रायगढ़, मुंगेली, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, सक्ती और सारंगढ़-बिलाईगढ़ — में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं रायपुर, दुर्ग समेत 10 जिलों में अंधड़ और बिजली गिरने का यलो अलर्ट है।

बिजली गिरने और बारिश से तापमान में गिरावट, दुर्ग सबसे गर्म, राजनांदगांव सबसे ठंडा

बारिश की शुरुआत के साथ प्रदेश के औसत तापमान में 4–5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। बीते 24 घंटों में दुर्ग में सबसे ज्यादा 60 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जो प्रदेश में सबसे अधिक रही।

  • दुर्ग: 36.2°C

  • राजनांदगांव: 21°C

प्रदेश के 25 जिलों में बारिश हुई है।

16 दिन पहले आया था मानसून, फिर थमा – अब फिर से हो रहा है एक्टिव

इस साल छत्तीसगढ़ में मानसून 16 दिन पहले ही 28 मई को पहुंच गया था, जो कि बीते 64 वर्षों में पहली बार मई में दस्तक है। इससे पहले सबसे जल्दी मानसून 1971 में 1 जून को आया था।

हालांकि इसके बाद मानसून 12 दिनों तक थमा रहा, लेकिन अब बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के चलते यह फिर सक्रिय हो गया है।

अब तक 82% जिलों में सामान्य से कम बारिश, खरीफ फसलों पर असर की आशंका

अब तक जून में केवल 6 जिलों में सामान्य या उससे अधिक बारिश हुई है। 33 में से 27 जिलों में बारिश सामान्य से कम रही है। पूरे राज्य में औसतन 51% बारिश की कमी दर्ज की गई है।

मौसम विभाग के अनुसार यह ट्रेंड सामान्य है — पहले 10-12 दिन गर्म रहते हैं, इसके बाद सिस्टम बनने पर बारिश शुरू होती है

इस बार जून में पिछला साल बेहतर, लेकिन खतरे से बाहर नहीं

  • 2024 में: अधिकतम तापमान 45.7°C (1 जून)

  • 2025 में अब तक: अधिकतम तापमान 42-43°C

  • 2024 में न्यूनतम तापमान: 23.5°C (19 जून)

पिछले साल जून का औसत तापमान 38.6°C था। इस साल स्थितियां कुछ हद तक बेहतर हैं, लेकिन बारिश की अनिश्चितता बनी हुई है।

मई में 374% ज्यादा बारिश, फिर भी जून में धीमी चाल

मई में छत्तीसगढ़ में सामान्य से 373% अधिक बारिश हुई थी। 22 से 28 मई के बीच औसतन 53.51 मिमी पानी गिरा। लेकिन जून में मानसून की रफ्तार थम सी गई थी, जो अब फिर तेज हो रही है।

प्रदेश में मानसून के दौरान औसतन 1200 मिमी बारिश होती है। पिछले साल 1276.3 मिमी पानी गिरा था।

गरज-चमक, बिजली गिरने और ओलों के दौरान ये सावधानियां ज़रूरी हैं

  • तेज गड़गड़ाहट होते ही सुरक्षित पक्के आश्रय में जाएं

  • बाहर हैं तो उकड़ू बैठ जाएं, पेड़ों के नीचे न ठहरें

  • बिजली के खंभों और तारों से दूर रहें

  • मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल न करें

लंबा चल सकता है मानसून, अगर बीच में ब्रेक न आया तो फायदा तय

इस साल मानसून 24 मई को केरल पहुंच गया था, जबकि सामान्य तिथि 1 जून होती है। मानसून का सामान्य लौटने का समय 15 अक्टूबर होता है। इस हिसाब से अगर ब्रेक नहीं पड़ा, तो 145 दिनों तक मानसून की अच्छी अवधि मिल सकती है — जिसका फायदा खेती को भी मिल सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed