रायपुर के सिंधी गर्ल्स कॉलेज सभागार देवेंद्र नगर में “माता भूमि पुत्रोहम पृथ्वीया” विषय पर प्रबुद्धजन संगोष्ठी सम्पन्न।

रायपुर,

सेवा संकल्प, जिला इकाई रायपुर द्वारा सिंधी गर्ल्स कॉलेज सभागार देवेंद्र नगर में “माता भूमि पुत्रोहम पृथ्वीया” विषय पर प्रबुद्धजन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा गुरु “अथर्ववेद” का पूजन एवं दीप प्रज्वलन से हुई और समापन राष्ट्रगान व पर्यावरण सरंक्षण के संकल्प के साथ किया गया।

कार्यक्रम का संचालन कुमारी युक्ति जी मित्तल, श्रीमति दीपाली जी निगम, वृक्ष गीत प्रद्युम जी बेहरा, अतिथि परिचय श्रीमति नीमा जी गुप्ता और आभार श्री अमित गुप्ता जी द्वारा किया गया।

संगठन प्रस्तावना रखते हुए श्री यशेंद्र जी गुप्ता ने बताया कि “सृष्टि सेवा संकल्प” संगठन पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवी संगठन है।रायपुर जिला इकाई द्वारा गत वर्ष किए गए उल्लेखनीय कार्यों का विवरण भी दिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पद्मश्री श्रीमती फुलबासन यादव जी, मुख्य वक्ता श्री प्रमोद झा जी (संस्थापक एवं केंद्रीय मार्गदर्शक, सृष्टि सेवा संकल्प) तथा विशिष्ट अतिथि प्रो. डॉ. संजीव जी पाराशर (प्रभारी निदेशक, IIM रायपुर) उपस्थित रहे । कार्यक्रम में श्री एस.एस. बजाज जी एवं श्री के. सुब्रमण्यम जी की गरिमामय उपस्थिति एवं पर्यावरण क्षेत्र में कार्य करने वाले विशिष्ट जन भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे ।

मुख्य वक्ता श्री प्रमोद जी झा ने विकासवाद और प्रकृति के बीच असंतुलन पर प्रकाश डालते हुए भारतीय संस्कृति को पर्यावरण संरक्षण की मूल आत्मा बताया। उन्होंने कहा कि यदि हम हमारी भारतीय संस्कृति को अपने जीवन में अपना ले तो प्रकृति का संरक्षण अपने आप ही हो जाएगा। भारतीय संस्कृति में पेड़ों, नदियों, पहाड़, समुद्र, जीव जंतु सभी का अपना महत्व है, तथा उनके संरक्षण के लिए विभिन्न प्रकार के अनुष्ठानों तथा उनकी पूजा जीवन पद्धति का अंग है, यही कारण है कि भारत एकमात्र देश है जहां की संस्कृति अपनी मूल आत्मा में पर्यावरण संरक्षण को संजोए हुए हैं ।

विशिष्ट अतिथि डॉ. संजीव पाराशर जी ने सभी लोगों को एक बात की चेतावनी दी कि यदि आप पर्यावरण का दोहन करेंगे, तो आपका भी दोहन हो जाएगा या आप नहीं बचेंगे। उन्होंने कहा कि न्यूटन के नियम के अनुसार, हर क्रिया की एक बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है। हमारी दादी-नानी भी कहती आई हैं कि “जैसी करनी, वैसी भरनी” – यह कहावत पर्यावरण के संदर्भ में भी बिल्कुल सही है। इसलिए, हमें पर्यावरण का सम्मान और संरक्षण करना चाहिए।। मुख्य अतिथि पद्मश्री श्रीमती फूलबासन यादव जी ने आवाहन किया कि हमें कर्म करना होगा, और वह भी पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए इसके अलावा और कोई उपाय नहीं है। भाषणों से दुनिया नहीं बदलती, हमें अपना-अपना कर्म करना ही होगा। अगर हम ऐसा नहीं करते हैं, तो हमारे भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमारी पृथ्वी जीने लायक भी नहीं बचेगी।

कार्यक्रम में संगठन के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री प्रशांत गुप्ता जी भी उपस्थित रहे।

अंत में, सभी ने सामूहिक रूप से पर्यावरण संरक्षण के लिए पानी, बिजली, वस्त्र, ईंधन और प्लास्टिक का विवेकपूर्ण उपयोग करने का संकल्प भी लिया।

कार्यक्रम की विभिन्न व्यवस्थायें पप्पू जी राठी, अभिमन्यु कुमार जी, आकाश राज जी , युवराज जी बग्गा, समीर जी सिकरवार, अभिषेक जी चौधरी, एस एल टेम्भरे, वालिका जी साहू, क्रांति किरन जी चौहान, आकाश जी कासु, ममता जी मंडावी आदि सृष्टिसेवकों ने सम्भाली।

उपरोक्त जानकारी कार्यक्रम संयोजक श्री यशेंद्र जी गुप्ता ने दी।

You may have missed