साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को रविवार को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर साहित्य, संस्कृति और प्रशासन से जुड़े अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
अंतिम संस्कार से पूर्व उनके पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक रखा गया, जहां पुलिस दल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री सहित मंत्रिमंडल के सदस्यों, वरिष्ठ अधिकारियों, साहित्यकारों और बड़ी संख्या में आम नागरिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर थे। उनकी रचनाओं में आम जनजीवन की संवेदनाएं, मानवीय करुणा और सरल भाषा के माध्यम से गहरी दार्शनिक सोच दिखाई देती है। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।
विनोद कुमार शुक्ल ने अपने साहित्यिक जीवन में कविता, उपन्यास और कहानियों के माध्यम से हिंदी साहित्य को नई दृष्टि प्रदान की। उन्हें साहित्य के सर्वोच्च सम्मानों में गिने जाने वाले ज्ञानपीठ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
