छत्तीसगढ़ में बनेगा देश की इंटरनल सिक्योरिटी का ब्लूप्रिंट: पूर्व DGP बोले—PM और HM के सामने होगी प्रेजेंटेशन; नक्सलवाद, सांप्रदायिक तनाव, ड्रग्स नेटवर्क पर फोकस, मॉडल स्टेट का होगा चयन
रायपुर।
देश की आंतरिक सुरक्षा (Internal Security) को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाई जा रही नई रणनीति में छत्तीसगढ़ एक केंद्रीय भूमिका निभाने जा रहा है। जानकारी के अनुसार, राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञ समूह को एक ऐसे व्यापक नेशनल इंटरनल सिक्योरिटी ब्लूप्रिंट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो पूरे देश में लागू होने वाली सुरक्षा नीति का आधार बनेगा।
पूर्व DGP ने पुष्टि की है कि यह ब्लूप्रिंट अंतिम चरण में है और इसे जल्द ही प्रधानमंत्री तथा केंद्रीय गृह मंत्री के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
इन मुद्दों पर होगा मुख्य फोकस
नई इंटरनल सिक्योरिटी पॉलिसी में देश की वर्तमान चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए कई प्रमुख बिंदुओं को शामिल किया गया है:
1. नक्सलवाद और जंगल आधारित आतंकी गतिविधियाँ
छत्तीसगढ़ नक्सल प्रभावित राज्यों में सर्वोच्च प्राथमिकता पर है।
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नए सुरक्षात्मक कॉरिडोर
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ड्रोन और एंटी-माइन टेक्नोलॉजी
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स्थानीय इंटेलिजेंस बढ़ाने पर जोर
2. हिंदू-मुस्लिम साम्प्रदायिक तनाव की रोकथाम
केंद्र सरकार माइक्रो-लेवल कम्युनिटी इंटिग्रेशन मॉड्यूल विकसित कर रही है।
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सोशल मीडिया मॉनिटरिंग
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अफवाह नियंत्रण तंत्र
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समुदायों में विश्वसनीय संवाद संरचना
3. इंटर-स्टेट ड्रग्स नेटवर्क और सिंथेटिक नशीले पदार्थ
देश में युवाओं पर बढ़ते ड्रग्स प्रभाव को लेकर विशेष अध्याय तैयार किया गया है।
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राज्यों को जोड़ने वाला रियल-टाइम डेटा नेटवर्क
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इंटेलिजेंस शेयरिंग
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इंटरस्टेट स्पेशल टास्क फोर्स
4. साइबर फ्रॉड और डिजिटल अपराध
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सुरक्षा मॉडल और सेंट्रल सर्विलांस सिस्टम का प्रस्ताव।
मॉडल स्टेट का होगा चयन
केंद्र एक या दो राज्यों को “मॉडल स्टेट” घोषित करेगा, जहां इस ब्लूप्रिंट को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ को शीर्ष दावेदार माना जा रहा है क्योंकि:
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नक्सल मोर्चे पर सफलता
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सामुदायिक तंत्र मजबूत
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पुलिसिंग सिस्टम में सुधार
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टेक्नोलॉजी अपनाने की क्षमता
यदि चयन होता है, तो यह राज्य देश की इंटरनल सिक्योरिटी पॉलिसी का पहला प्रयोग स्थल बनेगा।
पूर्व DGP का बयान
पूर्व DGP ने कहा:
“छत्तीसगढ़ ने पिछले वर्षों में सुरक्षा मॉडल को मजबूती दी है। केंद्र ने हमारे अनुभव और ग्राउंड रिपोर्ट को देखते हुए विस्तृत ब्लूप्रिंट तैयार करने की जिम्मेदारी दी है। इसे PM और HM के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। यह भविष्य की सुरक्षा नीति का आधार बनेगा।”
क्यों है यह पहल महत्वपूर्ण?
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देश में बढ़ते साइबर अपराध
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सीमावर्ती राज्यों में ड्रग्स व हथियार नेटवर्क
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धार्मिक तनाव की घटनाएँ
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नक्सलवाद की बदली रणनीति
इन सबके चलते केंद्र एक समग्र इंटरनल सिक्योरिटी स्ट्रक्चर बनाना चाहता है, जिसमें राज्यों के अनुभव और जमीनी रणनीतियों को शामिल किया जा रहा है।
जनता पर इसका क्या असर?
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सुरक्षा तंत्र अधिक तेज़ और टेक्नोलॉजी-आधारित होगा
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शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी व्यवस्था मज़बूत होगी
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नक्सल और ड्रग्स प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ेगी
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सोशल मीडिया अफवाहों पर त्वरित कार्रवाई संभव होगी
