छत्तीसगढ़ में ठंड का प्रेशर ज़ोन तीव्र: अंबिकापुर 7°C, उत्तर–मध्य बेल्ट में शीतलहर अलर्ट; दुर्ग–रायपुर में भी पारा डाउनट्रेंड, अलाव की कमी से ग्राउंड-लेवल चुनौतियाँ बढ़ीं; सुकमा–दंतेवाड़ा में मलेरिया रिस्क हाई
राज्य के नॉर्दर्न क्लस्टर में विंटर इंटेंसिटी आज रिकॉर्डेड लेवल पर देखी गई। अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान 7°C दर्ज हुआ, जिससे पूरे सरगुजा डिवीजन में कोल्ड स्ट्रेस कंडीशंस और अधिक सॉलिडिफाई हो गई हैं।
मौसम विभाग ने उत्तर और मध्य छत्तीसगढ़ के लिए शीतलहर की स्थिति को “इफेक्टिव” कैटेगरी में मार्क किया है।
दुर्ग–रायपुर कॉरिडोर में भी टेम्परेचर ग्राफ लगातार डाउनस्लाइड पर है। मेट्रिक्स के अनुसार पिछले 48 घंटों में न्यूनतम तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।
ग्राउंड लेवल पर नागरिकों के लिए सबसे बड़ी बाधा अलाव की कमी बनकर उभर रही है। कई शहरी और ग्रामीण पॉकेट्स में नाइट-टाइम तापमान गिरने के बावजूद अलाव व्यवस्था या तो सीमित है या पूरी तरह अनुपलब्ध, जिसकी वजह से हेल्थ-रिलेटेड वल्नरेबिलिटीज बढ़ रही हैं।
दक्षिण छत्तीसगढ़ के सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों में प्रशासन ने एक अलग लेयर की चिंता फ्लैग की है। तापमान गिरने और वातावरण में नमी बढ़ने के कारण मलेरिया ट्रांसमिशन रिस्क में वृद्धि का अनुमान है। हेल्थ डिपार्टमेंट की टीमें हाई-रिस्क ज़ोन्स में माइक्रो-लेवल सर्वे और वेक्टर कंट्रोल एक्शन को तेज़ कर रही हैं।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले 72 घंटे राज्य के लिए क्लाइमेट-सेंसिटिव रहेंगे, और तापमान में और गिरावट की संभावना को नकारा नहीं जा रहा है।
