लद्दाख में चीन सीमा के नज़दीक भारतीय वायुसेना का अपग्रेडेड एयरबेस संचालन में, AI आधारित युद्ध क्षमता पर सेना का फोकस

भारत ने उत्तरी सीमाओं पर अपनी सामरिक क्षमताओं को और अधिक मजबूत करते हुए लद्दाख में चीन सीमा के पास स्थित एक प्रमुख एयरबेस को 230 करोड़ रुपये की लागत से व्यापक अपग्रेड के बाद औपचारिक रूप से संचालन में ला दिया है। यह एयरबेस अब high-altitude air operations, उन्नत फाइटर प्लेटफॉर्म्स और लॉजिस्टिक सपोर्ट मिशनों के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे भारत की एयर-डिफेंस आर्किटेक्चर को निर्णायक बढ़त मिलेगी।

🔶 रणनीतिक अपग्रेड का महत्व

  • एयरबेस अब सर्व- मौसम (all-weather) ऑपरेशन के योग्य

  • तेज़ तैनाती, निगरानी और इंटरसेप्शन क्षमताओं में उछाल

  • पूर्वी लद्दाख सेक्टर में प्रतिक्रिया समय (response time) हुआ और कम

  • एयरफोर्स की northern theatre readiness को मिला बड़ा बूस्ट

इस अपग्रेड को LAC के निकट भारत की deterrence posture और सामरिक लचीलापन (strategic elasticity) को मजबूत करने वाला कदम माना जा रहा है।

सेना प्रमुख: “यूक्रेन युद्ध भारतीय सेना के लिए एक प्रयोगशाला”

एक उच्च-स्तरीय कार्यक्रम में सेना प्रमुख ने कहा कि यूक्रेन युद्ध आधुनिक संघर्षों की प्रकृति और गति को समझने के लिए भारतीय सेना के लिए एक ‘लाइव वॉर लैब’ जैसा काम कर रहा है।

उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया कि—

  • ड्रोन सिस्टम,

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI),

  • साइबर-इंफॉर्मेशन वॉरफेयर,

  • और हाई-प्रिसिजन आर्टिलरी

आधुनिक युद्ध का स्वरूप मूलभूत रूप से बदल रहे हैं। भारतीय सेना भी इन emerging domains को अपने ऑपरेशनल फ्रेमवर्क में तेजी से एकीकृत कर रही है।

‘Whole-of-Nation Approach’ पर भारतीय सेना का फोकस

सेना प्रमुख ने यह भी रेखांकित किया कि भविष्य के संघर्ष केवल सैन्य क्षमताओं से नहीं जीते जाते—इसके लिए संपूर्ण राष्ट्र दृष्टिकोण (Whole-of-Nation Approach) आवश्यक है। इसका अर्थ है:

  • टेक कंपनियाँ

  • अनुसंधान संस्थान

  • प्राइवेट डिफेंस सेक्टर

  • स्टार्टअप इनोवेशन

  • और सरकार की नीति सामंजस्य

सभी का संयुक्त प्रयास ही भारत को next-gen military readiness प्रदान करेगा।

यह पूरा विकास भारत की उत्तरी सीमाओं पर सामरिक तैयारियों, टेक्नोलॉजी-ड्रिवन वॉरफेयर और राष्ट्रीय सुरक्षा आर्किटेक्चर को एक नई गति देने वाला माना जा रहा है।

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