दिल्ली कार ब्लास्ट पर बड़ा खुलासा: आतंकियों का मल्टी-स्टेट नेटवर्क एक्सपोज़, तुर्की कनेक्शन भी सामने

दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार विस्फोट को केंद्र सरकार ने एक जघन्य और उच्च-स्तरीय आतंकी घटना के रूप में क्लासिफाई किया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच एजेंसियों ने ऑपरेशनल स्कोप को तेज़ी से विस्तृत किया है और अब कई अहम लिंक सामने आने शुरू हो गए हैं।

🔍 डीएनए रिपोर्ट से पहचाना गया मुख्य संदिग्ध

जांच में सबसे बड़ा ब्रेकथ्रू तब आया जब विस्फोट के समय वाहन चला रहे व्यक्ति की पहचान डॉ. उमर नबी भट के रूप में DNA मैचिंग के आधार पर कन्फर्म हुई। एजेंसियों के अनुसार उमर लंबे समय से कट्टरपंथी नेटवर्क से जुड़ा हुआ था और हाई-रिस्क असाइनमेंट्स पर एक्टिव था।

🔗 बाबरी विध्वंस की बरसी पर हमले की साजिश

प्रारंभिक जांच से यह भी खुलासा हुआ है कि यह आतंकवादी सिंडिकेट 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर भारत के विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर हमले की व्यापक साजिश रच रहा था। सुरक्षा एजेंसियों ने इस आतंकी प्लॉट को समय रहते neutralize कर दिया, जो एक बड़े राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे को टालने में निर्णायक साबित हुआ।

🌐 तुर्की कनेक्शन: हैंडलर ‘UKASA’ के निर्देश पर ऑपरेशन

डिजिटल फॉरेंसिक और कम्युनिकेशन इंटरसेप्ट के आधार पर जांच टीम को मजबूत संकेत मिले हैं कि पूरी ऑपरेशनल कमान तुर्की से संचालित हो रही थी। वहां मौजूद आतंकी हैंडलर ‘UKASA’ उमर को विभिन्न चरणों में निर्देश जारी कर रहा था। यह ग्लोबल-टेरर मॉड्यूल के सक्रिय होने का स्पष्ट संकेत माना जा रहा है।

📍 जाँच का दायरा तीन राज्यों में विस्तारित

इंटेलिजेंस इनपुट के बाद जांच अब हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश तक फैला दी गई है।
एजेंसियां—

  • फंडिंग ट्रेल

  • सपोर्ट सेल्स

  • लॉजिस्टिक पॉइंट्स

  • इन्फ्लुएंस नेटवर्क

पर मल्टी-एजेंसी समन्वय के साथ तेज़ी से काम कर रही हैं।

यह पूरा प्रकरण भारत की सुरक्षा व्यवस्था के सामने एक multi-layered terror architecture की झलक देता है, जिसके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियाँ उच्च स्तर पर समन्वित कार्रवाई कर रही हैं।

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