प्रधानमंत्री मोदी ने ₹1 लाख करोड़ का RDI फंड लॉन्च किया; निजी क्षेत्र के AI और डीप-टेक रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 3 नवंबर 2025 को विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए ‘एमर्जिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC) 2025’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने देश के अनुसंधान एवं विकास (R&D) इकोसिस्टम को एक बड़ी ताकत देने के लिए ₹1 लाख करोड़ के महत्वाकांक्षी रिसर्च, डेवलपमेंट एंड इनोवेशन (RDI) स्कीम फंड की शुरुआत की।
यह फंड भारत में निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया गया है, जिसका मुख्य फोकस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीप-टेक जैसे रणनीतिक और उभरते क्षेत्रों पर रहेगा।
RDI फंड: निजी R&D के लिए एक गेम-चेंजर
₹1 लाख करोड़ का RDI फंड भारत के वैज्ञानिक परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखता है। इस योजना की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- उद्देश्य: इस फंड का प्राथमिक लक्ष्य निजी कंपनियों और स्टार्टअप्स को उच्च जोखिम वाले, उच्च प्रभाव वाले रिसर्च प्रोजेक्ट्स में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
- वित्तीय सहायता: यह योजना लंबी अवधि के कम या शून्य-ब्याज वाले ऋणों, इक्विटी निवेश और ‘डीप-टेक फंड ऑफ फंड्स’ में योगदान के रूप में सहायता प्रदान करेगी।
- फोकस क्षेत्र: फंड उन महत्वपूर्ण तकनीकी क्षेत्रों को लक्षित करेगा जो देश की भविष्य की ज़रूरतों के लिए आवश्यक हैं, जिनमें मुख्य रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बायो-मैन्युफैक्चरिंग, क्वांटम साइंस, उन्नत सामग्री और सेमीकंडक्टर निर्माण शामिल हैं।
- अवधि और आवंटन: यह फंड अगले छह वर्षों के लिए है, जिसका उद्देश्य देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में निजी R&D खर्च के हिस्से को बढ़ाना है।
ESTIC 2025: विज्ञान जगत का महाकुंभ
तीन दिवसीय ESTIC 2025 कॉन्क्लेव (3-5 नवंबर) को देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सरकार के प्रमुख कार्यक्रम के रूप में देखा जा रहा है।
- भागीदारी: इस कॉन्क्लेव में शिक्षा जगत, अनुसंधान संस्थानों, उद्योग और सरकार से जुड़े 3,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए हैं, जिनमें नोबेल पुरस्कार विजेता, प्रख्यात वैज्ञानिक, नीति निर्माता और युवा इनोवेटर्स भी शामिल हैं।
- मुख्य विषय: कॉन्क्लेव में 11 प्रमुख विषयगत क्षेत्रों पर विचार-विमर्श हो रहा है, जिसमें डिजिटल संचार, ब्लू इकोनॉमी, ऊर्जा, पर्यावरण और जलवायु, स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन समारोह में कहा कि “यह ₹1 लाख करोड़ आपके लिए है। यह आपकी क्षमताओं को बढ़ाने और आपके लिए नए अवसर खोलने के लिए है। हमारा प्रयास है कि हम निजी क्षेत्र में भी अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दें। पहली बार, उच्च जोखिम और उच्च प्रभाव वाली परियोजनाओं के लिए पूंजी उपलब्ध कराई जा रही है।”
यह पहल भारत को ‘विकसित भारत @2047’ के लक्ष्य की दिशा में ले जाते हुए, एक वैश्विक ज्ञान और नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
