बिलासपुर में भूख और प्यास से मवेशियों की मौत पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से मांगी विस्तृत रिपोर्ट

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने बिलासपुर ज़िले के बेलतरा और सुकुलकारी गांवों में भूख और प्यास से मवेशियों (गायों) की मौत के मामलों पर स्वतः संज्ञान (suo motu) लेते हुए राज्य सरकार से कड़ी जवाबदेही मांगी है।
कोर्ट ने राज्य सरकार की अब तक की कार्यवाही को “औपचारिक और लापरवाह” बताते हुए विस्तृत हलफ़नामा (affidavit) दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।


🐄 मामले की पृष्ठभूमि

हाल ही में बिलासपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में दर्जनों मवेशियों की मौत की खबरें सामने आईं।
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि पानी और चारे की कमी, तथा गोशालाओं में व्यवस्थाओं की लापरवाही के कारण पशुओं की स्थिति बिगड़ गई।
इन घटनाओं की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, अदालत ने खुद पहल करते हुए मामला दर्ज किया।


⚖️ हाईकोर्ट की टिप्पणी

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा —

“राज्य सरकार का रवैया अत्यंत सतही प्रतीत होता है। इतने गंभीर विषय पर केवल औपचारिक रिपोर्ट देना अस्वीकार्य है।”

कोर्ट ने निर्देश दिया है कि राज्य सरकार एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करे, जिसमें शामिल हो:

  • सभी मृत मवेशियों के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट्स,

  • मौत के वास्तविक कारण,

  • जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका,

  • और भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के उपाय


🚨 सरकार की प्रतिक्रिया

राज्य पशुपालन विभाग ने कहा है कि एक विशेष टीम मौके पर भेजी गई है जो घटना की जांच कर रही है।
विभाग के अनुसार, कुछ इलाकों में जल संकट और अत्यधिक गर्मी से हालात बिगड़े हैं।
हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल “मौसम” को दोष देना पर्याप्त नहीं है — प्रशासन को जवाबदेही और सुधारात्मक कदम उठाने होंगे।


📌 मुख्य बिंदु:

  • हाईकोर्ट ने मवेशियों की मौत पर स्वतः संज्ञान लिया।

  • सरकार की प्रतिक्रिया को औपचारिक और अपर्याप्त बताया।

  • विस्तृत हलफ़नामा मांगा — जिसमें कारण, पोस्टमॉर्टम और सुधारात्मक कदम शामिल हों।

  • जांच रिपोर्ट अगली सुनवाई से पहले कोर्ट में पेश करनी होगी।