भारत-आसियान साझेदारी पर जोर, पीएम मोदी ने 2026 को ‘समुद्री सहयोग वर्ष’ घोषित किया

नई दिल्ली, अक्टूबर 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल रूप से आयोजित 47वें आसियान (ASEAN) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि “21वीं सदी भारत-आसियान की सदी है।” उन्होंने घोषणा की कि वर्ष 2026 को ‘भारत-आसियान समुद्री सहयोग वर्ष’ (ASEAN-India Maritime Cooperation Year) के रूप में मनाया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और आसियान देशों के बीच संबंध केवल व्यापार या आर्थिक साझेदारी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये रिश्ते संस्कृति, परंपरा और रणनीतिक सहयोग पर भी आधारित हैं। उन्होंने बताया कि भारत-आसियान संबंध क्षेत्रीय स्थिरता, समुद्री सुरक्षा और ब्लू इकोनॉमी के विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

मोदी ने कहा कि भारत “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” और “सागर विज़न” (Security and Growth for All in the Region) के माध्यम से दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों को और गहरा कर रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में भारत और आसियान मिलकर समुद्री व्यापार, डिजिटल कनेक्टिविटी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के नए युग की शुरुआत करेंगे।

आसियान सदस्य देशों ने भी भारत की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता और संतुलन का महत्वपूर्ण स्तंभ बन गया है।

विशेषज्ञों के अनुसार, मोदी का यह बयान भारत की एशिया में बढ़ती रणनीतिक भूमिका को रेखांकित करता है और वैश्विक मंच पर भारत की सक्रियता को दर्शाता है।

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