नगर निकायों में टैक्स सुधार की तैयारी, अब ‘एरिया रेंटल वैल्यू’ से जुड़ेगी गाइडलाइन दरें
रायपुर।
छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के नगर निकायों में संपत्ति कर प्रणाली (Property Tax System) में बड़ा बदलाव करने जा रही है। नई व्यवस्था के तहत अब टैक्स की गणना ‘एरिया रेंटल वैल्यू’ (ARV) के आधार पर की जाएगी और इसे गाइडलाइन दरों से जोड़ा जाएगा।
सरकार का दावा है कि इस कदम से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि राजस्व संग्रहण में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
क्या है नई व्यवस्था?
अभी तक संपत्ति कर का निर्धारण विभिन्न नगर निगमों द्वारा स्थानीय दरों के अनुसार किया जाता था। लेकिन अब नई नीति के तहत हर वार्ड और क्षेत्र की एरिया रेंटल वैल्यू (ARV) तय की जाएगी।
इस वैल्यू के साथ गाइडलाइन दर (Registrar Rate) को जोड़कर संपत्ति का टैक्स निर्धारित किया जाएगा।
इससे अलग-अलग इलाकों में टैक्स का मूल्यांकन एक समान और पारदर्शी तरीके से किया जा सकेगा।
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
शहरी प्रशासन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, पुराने टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता की कमी और राजस्व हानि की शिकायतें आती रही हैं।
कई नगर निकायों में संपत्तियों का टैक्स आकलन वास्तविक बाजार मूल्य से काफी कम किया जाता था, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान होता था।
नई नीति से यह सुनिश्चित होगा कि महंगे और प्रमुख क्षेत्रों से टैक्स वसूली उसी अनुपात में हो, जितनी उनकी रियल वैल्यू है।
आम नागरिकों पर असर
अधिकारियों के मुताबिक, यह सुधार मध्यम और निम्न-आय वर्ग पर ज्यादा बोझ नहीं डालेगा। बल्कि जो लोग बड़े या व्यावसायिक भवनों के मालिक हैं, उन्हें थोड़ा अधिक टैक्स देना पड़ सकता है।
सरकार जल्द ही इसके लिए जनसुनवाई और सुझाव प्रक्रिया शुरू करेगी ताकि लोगों की राय भी शामिल की जा सके।
विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम छत्तीसगढ़ में अर्बन गवर्नेंस के आधुनिकीकरण की दिशा में बड़ा बदलाव साबित होगा।
इससे न केवल टैक्स वसूली में वृद्धि होगी, बल्कि नगर निगमों की वित्तीय स्थिति भी मजबूत होगी।
“अब मकान नहीं, उसकी कीमत बोलेगी — टैक्स का नया हिसाब शहरों की नई पहचान बनेगा।”
