बस्तर में देश का सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर, 400 से अधिक नक्सलियों ने हथियार डाले,अमित शाह ने X पर किया पोस्ट


बस्तर (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ के दक्षिणी इलाके बस्तर से बहुत बड़ी खबर आ रही है , जहां सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर देश का सबसे बड़ा नक्सली समूह का सरेंडर हुआ है । आज 400 से अधिक नक्सलियों ने सरेंडर किया है । खबर है प्रदेश के गृहमंत्री श्री विजय शर्मा बस्तर रवाना हो चुके हैं , जहां वो आगे की रणनीति पर अपने पुलिस अधिकारियों और जवानों से बात करेंगे।
मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में आज देश के इतिहास का सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर देखने को मिला। बस्तर रेंज के विभिन्न इलाकों से करीब 400 से अधिक सक्रिय नक्सलियों ने सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया। इनमें कई हार्डकोर नक्सली शामिल हैं, जिन पर लाखों रुपये का इनाम घोषित था।


गृह मंत्री अमित शाह ने लगातार 4 ट्वीट अपने X हैन्डल पर करते हुए खुशी जाहिर की है और अपने पोस्ट में बस्तर के विकास और शांति के लिए इसे बड़ा कदम बताया है ।

इधर गृह मंत्री अमित शाह ने लगातार 4 ट्वीट अपने X हैन्डल पर करते हुए खुशी जाहिर की है और अपने पोस्ट में बस्तर के विकास और शांति के लिए इसे बड़ा कदम बताया है । बता दें ,राज्य पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त अपील के बाद नक्सलियों ने हथियार डालकर शांति की राह चुनी। अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वालों में कई वरिष्ठ कैडर सदस्य और महिला नक्सली भी शामिल हैं।
आईजी बस्तर सुंदरराज पी. ने बताया कि यह सरेंडर अभियान पुनर्वास योजना के तहत लगातार हो रहे पहल से संभव हुआ है, जिसके माध्यम से नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। surrendered नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास योजना के तहत सहायता राशि, रोजगार प्रशिक्षण और सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

बस्तर में नक्सल कैडर के सरेंडर पर छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM और होम मिनिस्टर विजय शर्मा ने कहा कि पिछले 15 दिनों में कई नक्सलियों ने सरेंडर किया है और आने वाले 15 घंटों में और भी सरेंडर करेंगे। कुल मिलाकर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की स्ट्रेटेजी के मुताबिक और हमारे CM विष्णु देव साय की लीडरशिप में, हमारी सरकार और सेंट्रल एजेंसियां बस्तर में लोगों को मेनस्ट्रीम में लाने के लिए मल्टीडायमेंशनल एरिया में काम कर रही हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों का रिहैबिलिटेशन किया जाएगा और मेनस्ट्रीम में उनका रेड कार्पेट वेलकम किया जाएगा।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, लगातार पुलिस दबाव और विकास कार्यों के बढ़ते असर के कारण नक्सलियों का संगठन कमजोर हो रहा है। ग्रामीण इलाकों में सड़कों, स्कूलों और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार ने भी इस बदलाव में अहम भूमिका निभाई है।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह सरेंडर अभियान बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
