रायपुर । छत्तीसगढ़ का टाटामारी क्षेत्र अब तेजी से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। घने जंगलों, ऊंची पहाड़ियों और प्राकृतिक झरनों के बीच बसा यह स्थल उन लोगों के लिए खास है जो शांति, रोमांच और प्रकृति का असली आनंद लेना चाहते हैं।
कांकेर जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति लौटने के बाद प्रशासन ने टाटामारी को पर्यटन नक्शे पर लाने की पहल की है। यहां की पहाड़ी चोटियाँ, हरियाली और सूर्योदय का मनोरम दृश्य लोगों को मोहित कर रहा है। टाटामारी से दिखने वाला सूरज का दृश्य मानो आसमान को सुनहरी चादर में ढक देता है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, पहले यह इलाका कम लोगों को ही ज्ञात था, लेकिन हाल के वर्षों में सड़क सुविधा और सुरक्षा बढ़ने से यहां पर्यटकों की आवाजाही में तेजी आई है। आसपास के गाँवों के युवा अब होमस्टे और गाइड सेवा के ज़रिए रोजगार भी प्राप्त कर रहे हैं।
पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टाटामारी को इको-टूरिज्म मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां ट्रेकिंग, बर्ड वॉचिंग और नेचर फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। साथ ही, स्थानीय संस्कृति और पारंपरिक व्यंजन भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।
सुरम्य प्राकृतिक सौंदर्य, पहाड़ी हवाओं और स्थानीय आतिथ्य से सजा टाटामारी आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल होने की ओर अग्रसर है।