CGPSC भर्ती घोटाला : CBI चार्जशीट में बड़ा खुलासा, परीक्षा से एक साल पहले ही लीक हुआ था प्रश्न पत्र

रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। 29 सितंबर को दाखिल की गई लगभग 2000 पन्नों की चार्जशीट के अनुसार, CGPSC की 2021 में प्रस्तावित मुख्य परीक्षा का प्रश्न पत्र वर्ष 2020 में ही लीक कर दिया गया था।
चार्जशीट में बताया गया है कि तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक ने सचिव और रिटायर्ड IAS जीवनलाल ध्रुव के माध्यम से प्रश्न पत्र बाहर पहुंचाया। ध्रुव का बेटा सुमित ध्रुव एक साल तक इन्हीं प्रश्नों से अभ्यास करता रहा।
परिजनों को बगैर इंटरव्यू दिलाया चयन
CBI के अनुसार, PSC के तत्कालीन चेयरमैन और रिटायर्ड IAS टामन सिंह सोनवानी ने अपने परिजनों को अवैध लाभ पहुंचाया।
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टामन सिंह के भतीजे और दत्तक पुत्र नितेश सोनवानी तथा बहू निशा कोसले मुख्य इंटरव्यू में शामिल हुए बिना ही चयन सूची में शामिल कर लिए गए।
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टामन के भाई की बहू दीपा आदिल का भी चयन आबकारी अधिकारी के पद पर हुआ। जांच में सामने आया कि उन्होंने PSC के आवेदन पत्र में पति का नाम ही दर्ज नहीं किया था।
पहले से मिला था प्री और मेन्स का पेपर
CBI की जांच में खुलासा हुआ कि मुख्य परीक्षा का पेपर टामन सिंह ने अपने रिश्तेदारों – दीपा, निशा, साहिल और नितेश – को पहले से उपलब्ध कराया था।
17 जुलाई 2024 को PSC सचिव जेके ध्रुव के घर छापेमारी में प्रश्न पत्र और आंसर कॉपी बरामद हुई थी।
सुमित ध्रुव के पास से पेपर-2 और पेपर-7 पहले से मिले, जिनमें से 47 में से 42 प्रश्न पहले ही उपलब्ध करा दिए गए थे।
मॉडरेटर और स्ट्रॉन्ग रूम में गड़बड़ी
चार्जशीट में यह भी सामने आया कि कई ऐसे मॉडरेटरों के नाम रजिस्टर में दर्ज थे, जिन्होंने पेपर तैयार ही नहीं किया।
इसके अलावा, 2020 में तैयार किए गए प्रश्न पत्र का एक सेट स्ट्रॉन्ग रूम में जमा ही नहीं हुआ। रिकॉर्ड में उसकी कोई एंट्री नहीं मिली।
171 पदों के लिए हुई थी भर्ती
CGPSC परीक्षा 2021 में 171 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया आयोजित की गई थी।
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प्री परीक्षा 13 फरवरी 2022 को हुई, जिसमें 2,565 अभ्यर्थी पास हुए।
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26 से 29 मई 2022 तक आयोजित मुख्य परीक्षा में 509 अभ्यर्थी सफल हुए।
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11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की अंतिम चयन सूची जारी की गई।
अब तक 12 आरोपी गिरफ्तार
CBI ने अब तक कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इनमें –
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पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी
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पूर्व सचिव जीवनलाल ध्रुव
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परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक
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जीवनलाल ध्रुव का बेटा सुमित ध्रुव
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परिजन निशा कोसले, दीपा आदिल, नितेश सोनवानी
सहित कई चयनित अधिकारी शामिल हैं।
🔴 CBI की चार्जशीट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि CGPSC भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं हुईं और सत्ता-प्रशासनिक रसूख के जरिए योग्य उम्मीदवारों को दरकिनार कर परिजनों को उच्च पदों पर नियुक्त किया गया।