छत्तीसगढ़ राज्य गठन के रजत जयंती पर श्रमिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष पहल

छत्तीसगढ़ राज्य गठन के 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर 12 से 19 सितंबर 2025 तक पूरे प्रदेश में औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा तथा श्रम विभाग द्वारा विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप इन कार्यक्रमों का उद्देश्य श्रमिकों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना, उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि करना और औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों को सुदृढ़ करना रहा।

शिविर और स्वास्थ्य परीक्षण

कार्यक्रम अवधि में राज्यभर में बड़ी संख्या में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किए गए। इनमें श्रमिकों को न केवल स्वास्थ्य जांच की सुविधा दी गई, बल्कि कार्यस्थल पर सुरक्षा, उपकरणों के सही उपयोग, दुर्घटना बचाव और प्राथमिक उपचार संबंधी जानकारी भी प्रदान की गई।

  • रायपुर जिला – उरला एसोसिएशन भवन व सिलतरा सामुदायिक भवन में 1,050 श्रमिकों का परीक्षण।

  • दुर्ग जिला – भिलाई मंगल बाजार (300 श्रमिक) व रसमड़ा दशहरा मैदान (200 श्रमिक)।

  • कोरबा जिला – अडानी पावर, बालको व डीएसपीएम में कुल 835 श्रमिक लाभान्वित।

  • रायगढ़ जिला – 32 कारखानों और पंजरी प्लांट, नगर निगम ऑडिटोरियम सहित 5,000 श्रमिकों का परीक्षण।

  • बिलासपुर जिला – सिरगिट्टी स्थित नर्मदा ड्रिंक्स प्रा. लि. में 1,072 श्रमिक।

  • महासमुंद जिला – बिरकोनी में 254 श्रमिक।

  • बलौदाबाजार जिला – बाबाडीह में 350 एवं कुकुरडीह में 207 श्रमिक।

  • कवर्धा जिला – राम्हेपुर व पंडरिया शक्कर कारखानों में 200-200 श्रमिक।

  • जांजगीर-चांपा जिला – बम्नीडीह (374 श्रमिक) और अकलतरा (400 श्रमिक)।

  • सक्ति जिला – डभरा (296 श्रमिक) और बडादरहा (352 श्रमिक)।

  • मुंगेली जिला – खम्हारडीह (250 श्रमिक)।

  • सूरजपुर जिला – नयनपुर (47 श्रमिक)।

  • बस्तर जिला – जगदलपुर (85 श्रमिक)।

  • राजनांदगांव जिला – टेडेसरा (60) एवं इंदमरा (133 श्रमिक)।

  • बेमेतरा जिला – ग्राम सरदा स्थित राईजन इंडस्ट्रीज में कई श्रमिक लाभान्वित हुए।

श्रमिक महासम्मेलन

17 सितंबर 2025 को रायपुर के इंडोर स्टेडियम में भव्य श्रमिक महासम्मेलन का आयोजन हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने श्रमिकों को संबोधित करते हुए कहा कि “श्रमिक हमारे राज्य की शक्ति और विकास के प्रतीक हैं। उनका स्वास्थ्य और कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
महासम्मेलन के दौरान भी स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किया गया, जिसमें 300 श्रमिकों का परीक्षण हुआ।

सरकार का दृष्टिकोण

राज्य शासन का मानना है कि श्रमिकों का स्वास्थ्य और सुरक्षा केवल उनके व्यक्तिगत जीवन की गुणवत्ता को नहीं, बल्कि औद्योगिक उत्पादकता और समग्र विकास को भी प्रभावित करता है। इस दृष्टि से रजत जयंती वर्ष पर शुरू की गई यह पहल श्रमिक कल्याण और प्रदेश के औद्योगिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगी।