उपराष्ट्रपति चुनाव आज, शाम तक मिलेगा देश को नया उपराष्ट्रपति – एनडीए को बढ़त, मुकाबला रोचक होने के आसार
उपराष्ट्रपति चुनाव आज, शाम तक मिलेगा देश को नया उपराष्ट्रपति – एनडीए को बढ़त, मुकाबला रोचक होने के आसार
नई दिल्ली। 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद खाली हुए उपराष्ट्रपति पद के लिए मंगलवार को मतदान होगा। वोटिंग सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संसद भवन में होगी और परिणाम शाम 6 बजे घोषित कर दिए जाएंगे। इस तरह 50 दिन बाद देश को नया उपराष्ट्रपति मिलेगा।
उम्मीदवार और समीकरण
एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्षी गठबंधन इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। आंकड़ों के लिहाज से एनडीए को बढ़त है, लेकिन संसद में विपक्ष की मजबूती और संभावित क्रॉस वोटिंग की वजह से मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।
लोकसभा की 542 सीटों (एक खाली) और राज्यसभा की 245 सीटों (5 खाली) मिलाकर कुल 786 सांसद वोट डाल सकते हैं। एनडीए के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 129 सांसदों का समर्थन है। नामांकित सदस्यों को मिलाकर गठबंधन के पास लगभग 422 वोट का आंकड़ा है, जबकि बहुमत के लिए 391 वोट जरूरी हैं।
मतदान की प्रक्रिया
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सांसदों को विशेष पेन से बैलेट पेपर पर पहली वरीयता अंकित करनी होगी।
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गलत तरीके से बैलेट भरने पर वोट अमान्य हो जाएगा।
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2017 में 11 और 2022 में 15 वोट अमान्य हुए थे।
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मतदान गुप्त होगा और इस पर पार्टी व्हिप लागू नहीं होगी।
इतिहास: लगातार बढ़ता जीत का अंतर
पिछले दो दशकों में उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत का अंतर लगातार बढ़ा है—
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2002: भैरों सिंह शेखावत (एनडीए) ने सुशील शिंदे को 149 वोट से हराया।
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2007: हामिद अंसारी (यूपीए) ने नजमा हेपतुल्ला को 233 वोट से हराया।
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2012: अंसारी ने जसवंत सिंह को 252 वोट से मात दी।
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2017: वेंकैया नायडू (एनडीए) ने गोपालकृष्ण गांधी को 272 वोट से हराया।
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2022: जगदीप धनखड़ ने मार्गरेट अल्वा को 346 वोट से हराया।
रोचक तथ्य
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अब तक 4 बार उपराष्ट्रपति निर्विरोध चुने गए – डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1952, 1957), मोहम्मद हिदायतुल्लाह (1979) और शंकर दयाल शर्मा (1987)।
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1992 में डॉ. के.आर. नारायणन ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी – 700 वोट मिले, जबकि प्रतिद्वंद्वी काका जोगिंदर सिंह को केवल 1 वोट मिला।
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दो बार इस पद पर चुने गए नेता: डॉ. राधाकृष्णन और डॉ. हामिद अंसारी।
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अब तक केवल दो महिला उम्मीदवार (नजमा हेपतुल्ला और मार्गरेट अल्वा) रही हैं, लेकिन देश को अभी तक कोई महिला उपराष्ट्रपति नहीं मिला।
👉 आज शाम तक साफ हो जाएगा कि उपराष्ट्रपति भवन की कुर्सी पर राधाकृष्णन बैठेंगे या रेड्डी।
