युक्तियुक्तकरण के बाद भी शिक्षकों में असंतोष, संभाग स्तरीय सुनवाई 29-30 अगस्त को
शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किए जाने के बाद भी असंतोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। शिक्षकों का आरोप है कि अतिशेष और रिक्त पदों पर मनमाने तरीके से पोस्टिंग दी गई है, जिससे कुछ शिक्षकों को अनुचित रूप से फायदा पहुँचाया गया है। नाराज शिक्षकों द्वारा दिए गए अभ्यावेदनों का डेढ़ महीने बाद भी निराकरण नहीं हो सका है।
इस कारण कई शिक्षक न तो कार्यमुक्त हो पाए हैं और न ही नए स्कूल में पदभार ग्रहण कर पाए हैं। शिक्षकों के इन अभ्यावेदनों पर अब 29 और 30 अगस्त को संभाग स्तरीय समिति के समक्ष सुनवाई होगी।
आरोप और गड़बड़ी
युक्तियुक्तकरण के लिए अतिशेष और रिक्त पदों की जानकारी जुटाई गई थी, लेकिन कई जिलों और विकासखंडों से पदों की जानकारी में गड़बड़ी सामने आई। शिक्षकों का कहना है कि “चहेते शिक्षकों को अतिशेष से बचाया गया और जिन स्कूलों से शिक्षकों को अतिशेष बताकर हटाया गया, वहां बाद में किसी और की नियुक्ति कर दी गई।”
इन्हीं शिकायतों को लेकर बड़ी संख्या में शिक्षकों ने अभ्यावेदन प्रस्तुत किया है। इसके निराकरण के लिए जिला, संभाग और राज्य स्तर पर समिति बनाई गई थी। जिला स्तर पर निराकरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, अब मामले संभाग स्तर पर पहुंच गए हैं।
184 प्रकरणों पर सुनवाई
जिला स्तरीय समिति के निर्णय के विरुद्ध 184 शिक्षकों ने अभ्यावेदन प्रस्तुत किया है।
-
पहले दिन (29 अगस्त) पहली पाली में सहायक शिक्षक और सहायक शिक्षक एलबी, जबकि दूसरी पाली में शिक्षक और शिक्षक एलबी के प्रकरणों की सुनवाई होगी।
-
दूसरे दिन (30 अगस्त) पहली पाली में शिक्षक और शिक्षक एलबी तथा दूसरी पाली में व्याख्याता और व्याख्याता एलबी के प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा।
शिक्षकों को उम्मीद है कि इस बार सुनवाई के बाद उनके प्रकरणों का जल्द निराकरण होगा और लंबे समय से चली आ रही परेशानी खत्म होगी।
