“विदेशी सब्जियों से बदली किस्मत, कोरिया के किसान की अनोखी खेती”

कोरिया (छत्तीसगढ़)।
परंपरागत खेती को नवाचार के साथ अपनाकर कोरिया जिले के युवा किसान भारत राजवाड़े ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत, लगन और नए प्रयोगों के सहारे खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है। उन्होंने अपने मात्र 3 एकड़ खेत में आधुनिक सिंचाई तकनीक और विदेशी सब्जियों की खेती से हर साल 2.5 से 3 लाख रुपए का अतिरिक्त मुनाफा कमाना शुरू किया है।

धान की एकल फसल से हटकर नवाचार की ओर बढ़ाया कदम

भारत राजवाड़े ने सिर्फ धान या गेहूं की पारंपरिक खेती तक सीमित न रहकर खेती को विस्तार देने का निर्णय लिया। उन्होंने पीला तरबूज, बैंगनी और पीली फूलगोभी, ब्रोकली, स्वीट कॉर्न, सफेद करेला जैसी विदेशी और मिक्स क्रॉप सब्जियों की खेती शुरू की। इन सब्जियों की बाजार में अधिक मांग और बेहतर कीमत मिलने से आमदनी में वृद्धि हुई।

विदेशी बीज और जैविक खाद से तैयार की उन्नत खेती

भारत ने बताया कि उन्होंने विदेशी सब्जियों के बीज ऑनलाइन ऑर्डर किए और उन्हें जैविक खाद और शेड नेट तकनीक के माध्यम से उगाया। मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए पूरी तरह से जैविक विधियों का उपयोग किया गया। इसके अलावा सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम और रेन पाइप तकनीक अपनाई गई।

उद्यानिकी योजना और आधुनिक तकनीक से मिली मदद

भारत ने शेड नेट और सिंचाई उपकरणों के लिए उद्यानिकी विभाग की योजनाओं का लाभ लिया। साथ ही बुवाई से लेकर उत्पादन तक कई वैज्ञानिक तरीकों को अपनाया। इस नवाचार का नतीजा यह रहा कि उनकी सब्जियों की गुणवत्ता बेहतर रही और बाजार में वह ऊंचे दामों पर आसानी से बिक जाती हैं।

2014 से जैविक खेती की शुरुआत, 2017 से विदेशी सब्जियों में प्रयोग

भारत राजवाड़े ने 2014 से जैविक खेती की शुरुआत की और 2017 से सब्जियों की खेती में नए प्रयोग शुरू किए। बैकुंठपुर के बाजारों में उनकी सब्जियां हाथों-हाथ बिक जाती हैं। ये सब्जियां कम समय में तैयार हो जाती हैं और सामान्य सब्जियों की तुलना में कई गुना लाभ देती हैं।

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