कांकेर में कीचड़ भरे रास्ते से 9 माह की गर्भवती महिला पैदल चली 4 किमी, ग्रामीणों ने पंचायत पर उठाए सवाल

कांकेर, छत्तीसगढ़। विकास की तमाम घोषणाओं के बीच छत्तीसगढ़ के कोयलीबेड़ा विकासखंड से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां ग्राम पंडरीपानी की रहने वाली 9 माह की गर्भवती महिला सुनीता कोमरा को कीचड़ भरे रास्ते पर करीब 4 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा, क्योंकि गांव तक पहुंचने वाली सड़क नहीं है और एंबुलेंस बीच रास्ते में ही फंस गई।

मामला गुमड़ीपारा मार्ग से जुड़ा है, जो पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। हालत यह है कि ना बाइक जा सकती है, ना कोई चार पहिया वाहन। ऐसे में गर्भवती सुनीता अपने पति और परिवार की चार महिलाओं के साथ कीचड़ और दलदल में चलती हुई परतापुर तक पहुंची, जहां से एंबुलेंस ने उसे पखांजूर सिविल अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल महिला का इलाज चल रहा है, डिलीवरी अब तक नहीं हुई है।

सड़क नहीं, क्योंकि आबादी 100 से कम है

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के भानुप्रतापपुर डिवीजन के प्रभारी जागेश्वर ध्रुव का कहना है कि केंद्र की योजना के तहत पहले 500 की आबादी वाले गांव, फिर 100 की आबादी वाले गांव को सड़कों से जोड़ने का प्रावधान है। पंडरीपानी की जनसंख्या 100 से कम होने के कारण सड़क निर्माण योजना में शामिल नहीं हो सका है।

पंचायत पर लापरवाही के आरोप

ग्रामीण देवनिधि नरवास ने बताया कि उन्होंने कई बार सरपंच और सचिव को खराब सड़क की जानकारी दी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने पंचायत को मिली सरकारी निधि के उपयोग की जांच की मांग की है और सरपंच-सचिव की लापरवाही को लेकर उच्च अधिकारियों से शिकायत की है।

ग्रामीणों की मांगें:

  • कीचड़ भरी सड़क की तत्काल मरम्मत

  • मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता

  • पंचायत फंड के खर्च की जांच

  • सरपंच और सचिव पर कार्रवाई

यह घटना छत्तीसगढ़ के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की जमीनी हकीकत को उजागर करती है। शासन और प्रशासन को चाहिए कि संवेदनशील वर्गों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु तत्काल कदम उठाए जाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed